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Happy B’Day : 45 के हुए Hemant Soren, इंजीनियरिंग से छात्र राजनीति और फिर प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में आना…

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज अपना 45वां जन्मदिन मना रहे हैं. 10 अगस्त 1975 को रामगढ़ जिले के नेमरा गांव में जन्में हेमंत ने राजनीति में आगे कदम बढ़ाते हुए सफलता हासिल की. हाल ही में फेम इंडिया द्वारा देश के 50 प्रभावशाली लोगों की सूची में उनका नाम शामिल किया गया है. फेम इंडिया मैगजीन और एशिया पोस्ट ने सर्वेक्षण के आधार पर वर्ष 2020 के 50 प्रभावशाली लोगों की जो सूची बनायी थी उसमें हेमंत सोरेन 12वें स्थान पर हैं. हेमंत के लिए यह बड़ी उपलब्धि है क्योंकि इस सूची में बाब रामदेव, अरविंद केजरीवाल और नीतीश कुमार हेमंत से पीछे हैं.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज अपना 45वां जन्मदिन मना रहे हैं. 10 अगस्त 1975 को रामगढ़ जिले के नेमरा गांव में जन्में हेमंत ने राजनीति में आगे कदम बढ़ाते हुए सफलता हासिल की. हाल ही में फेम इंडिया द्वारा देश के 50 प्रभावशाली लोगों की सूची में उनका नाम शामिल किया गया है. फेम इंडिया मैगजीन और एशिया पोस्ट ने सर्वेक्षण के आधार पर वर्ष 2020 के 50 प्रभावशाली लोगों की जो सूची बनायी थी उसमें हेमंत सोरेन 12वें स्थान पर हैं. हेमंत के लिए यह बड़ी उपलब्धि है क्योंकि इस सूची में बाब रामदेव, अरविंद केजरीवाल और नीतीश कुमार हेमंत से पीछे हैं.

बचपन से थे लीडरशिप के गुण

उस वक्त शिबू सोरेन और उनकी माता रूपी सोरेन को इस बात का अभास नहीं रहा होगा उनका दूसरा बेटा एक दिन झारखंड की गद्दी पर बैठेगा. क्योंकि उस वक्त तक किसी को यह पता नहीं था कि बिहार से अलग होकर झारखंड एक अलग राज्य बन सकता है. कहा जाता है कि पूत के पांव पालने में ही दिखने लगते हैं. हेमंत बचपन में खेलकूद में आगे रहते थे. वह बच्चों को लीड करते थे. यानी लीडरशिप का विकास उसी दौर से आरंभ हो गया था. आज वही हेमंत सोरेन झारखंड की बागडोर संभाल रहे हैं.

बोकारो सेंट्रल स्कूल से आरंभिक शिक्षा

हेमंत सोरेन की शुरुआती शिक्षा बोकारो सेक्टर-4 स्थित सेंट्रल स्कूल से हुई. स्कूल में दोस्तों के बीच वह अपने ग्रूप के लीडर हुआ करते थे. 1989 में हेमंत सोरेन ने पटना के एमजी हाइ स्कूल में 10वीं कक्षा में दाखिला लिया. पटना से ही उन्होंने मैट्रिक की पढ़ाई की. 1990 में उन्होंने बोर्ड की परीक्षा पास की. इसके बाद पटना विश्वविद्यालय से आइएससी 1994 में किया. इसके बाद हेमंत ने बीआइटी मेसरा में इंजीनियरिंग में दाखिला लिया.

सेक्टर छह में लगता था मजमा

हेमंत सोरेन अपने दोस्तों के साथ सेक्टर छह स्थिति शॉपिंग सेंटर के चौक पर मिलते थे. वहीं पर उनका मजमा लगता था. आज भी यह बात उनके साथियों को याद है. हेमंत अभी भी वहां जाते हैं तो जो दोस्त बोकारों में हैं उनसे मिलना नहीं भूलते हैं.

गाना सुनना बेहद पसंद

बीआईटी में पढ़ाई के दौरान हेमंत तब काफी मैच्योर थे. उनकी बातों में गंभीरता होती थी. पर दोस्तों के संग चुलबुले हो जाते थे. कॉलेज में भी उनकी लीडरशिप क्वालिटी दिखती थी. कोई भी माहौल हो वह सबको साथ लेकर चलने की बात करते थे. हॉस्टल मे ही रहते थे. बीआइटी मेसरा के अनुशासन का पालन करते थे. हेमंत को गाना सुनना पसंद है. जब भी लौंग ड्राइव पर जाते तो गाना सुनना न भुलते थे. हेमंत को गाड़ियों का भी शौक है. इसके लिए वह खुद मेहनत करते हैं. मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए भी हेमंत सोरेन अकसर खुद ही ड्राइव कर प्रोजेक्ट भवन जाया करते थे.

छात्र राजनीति से हुई शुरूआत

2003 में हेमंत सोरेन ने छात्र राजनीति में कदम रखा. फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. वे झारखंड छात्र मोर्चा के अध्यक्ष बने. इसके बाद पहली बार उन्होंने 2005 में दुमका विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था. पर स्टीफन मरांडी से हार गये. इसके बाद पहली बार 23 दिसंबर 2009 को दुमका से वर्तमान विधानसभा के लिए विधायक चुने गए.

Posted By: Pawan Singh

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