रांची/लोहरदगा : आज मेरे लिए सौभाग्य का दिन है. अयोध्या में प्रभु श्रीराम के मंदिर निर्माण कार्य के शुभारंभ का साक्षी बनकर मैं धन्य हो गया. जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर निर्माण की नींव रखी, तो लगा मानो भारत में फिर से रामराज्य की आधारशिला रखी गयी है. वह ऐतिहासिक क्षण किसी स्वप्न के समान लग रहा था. ये बातें झारखंड से संत समाज का प्रतिनिधित्व करनेवाले लोहरदगा के मसमानो स्थित करपात्री सेवा सदन के महंत कृष्ण चैतन्य ब्रह्मचारी महाराज उर्फ होमन दास ने कही. वे बतौर विशिष्ट अतिथि अयोध्या आमंत्रित किये गये थे. उन्होंने फोन पर ‘प्रभात खबर’ से विशेष बातचीत की.
महंत कृष्ण चैतन्य ने बताया कि अयोध्या में उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया. वे और उनके साथ गये पिठोरिया के धनेश्वर मुंडा व अन्य लोगों को जानकी घाट के बगल में वैदेही भवन में ठहराया गया. उन्होंने बताया कि यहां सभी अद्भुत आनंद का अनुभव कर रहे हैं. महंत जी और उनके साथ गये लोग सुबह 10 बजे ही कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गये थे. शुभ मुहूर्त में 140 संत भी पूजा स्थल पर पहुंचे थे. कार्यक्रम स्थल पर 250 से ज्यादा लोग बैठे थे.
प्रधानमंत्री मांगलिक वेशभूषा में पीत वर्ण का धोती-कुर्ता और अंग वस्त्र धारण कर पूजन में पधारे. कार्यक्रम के आयोजन से लेकर प्रधानमंत्री के संबोधन तक सबमें प्रभु श्रीराम की झलक दिख रही थी. जब प्रधानमंत्री ने श्रीरामलला के समक्ष दंडवत किया, तो मन गदगद हो गया.
अयोध्या के कण-कण में दिखी श्रीराम की झलक : महंत कृष्ण चैतन्य ने कहा : जहां प्रभु श्रीराम ने जन्म हुआ, उस पावन नगरी के बारे में कुछ भी कहना सूरज को दीपक दिखाने के समान है. यहां कुछ भी ऐसा नहीं, जिसमें प्रभु श्रीराम नजर नहीं आ रहे हैं. एक सप्ताह से पूरी अयोध्या जश्न में डूबी है. श्रीराम के स्वागत में मंदिरों का नवीन शृंगार किया गया है. हर तरफ दीपावली का दृश्य है. सरयू नदी भी आनंद की हिलोरें ले रही. त्रेता युग में प्रभु श्रीराम के वनवास से लौटने पर जैसी खुशी हुई होगी, आज उसकी पुनरावृत्ति हुई है.
स्वामी कृष्ण चैतन्य ब्रह्मचारी दास का परिचय : झारखंड राज्य विहिप मार्गदर्शक मंडल के संयोजक और केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के महंत कृष्ण चैतन्य ब्रह्मचारी महाराज उर्फ होमन दास लोहरदगा जिले के भंडरा प्रखंड के रहनेवाले हैं. वे यहीं के मसमानो में स्थित करपात्री सेवा सदन में सेवा कार्य करते हैं. चार साल पहले इन्होंने संकल्प लिया था कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होने तक अन्न ग्रहण नहीं करेंगे. वे राम मंदिर निर्माण के लिए पवित्र मिट्टी व जल संग्रहण करनेवालों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
यह भी कहा
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500 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद यह दिन भारत के लिए ऐतिहासिक, देश में एक नया वातावरण बना
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प्रभु राम को टाट में रहना पड़ा, यह हिंदू समाज के लिए चुनौती का विषय था, जिसे हमने पार किया है
धनेश्वर मुंडा बोले- श्रीराम जनजातियों के प्रेरणा पुरुष, इसलिए हम ईमानदार हैं
विहिप से जुड़े धनेश्वर मुंडा ने भी अयोध्या में राम मंदिर शिलान्यास कार्यक्रम में झारखंड का प्रतिनिधित्व किया. इससे भावुक और प्रसन्न श्री मुंडा ने कहा : यह मेरे लिए गर्व का क्षण है. राम मंदिर निर्माण के लिए हमारे पूर्वजों और संतों ने बलिदान दिया. अपने प्राणों की आहुति देकर आस्था को ताकत दी.
भगवान श्रीरामचंद्र के प्रति आस्था व संघर्ष का ही परिणाम है कि आज मंदिर का निर्माण हो रहा है. प्रधानमंत्री के साथ कार्यक्रम में शामिल होना सौभाग्य की बात है. भगवान राम जनजातीय समाज के आदर्श और प्रेरणा पुरुष हैं. श्रीराम 14 वर्षों तक वनवास में रहे. भोले-भाले गरीबों के साथ समय बिताया.
Post by : Pritish Sahay