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प्रसिद्ध मूर्तिकार व चित्रकार कमल नाथ प्रजापति का बड़कागांव में निधन

बड़कागांव (संजय सागर) : भारत के विभिन्न संग्रहालयों के लिए मूर्तियां और चित्र बनाने वाले देश के जाने-माने मूर्तिकार व चित्रकार कमल नाथ प्रजापति अब इस दुनिया में नहीं रहे. हजारीबाग जिला के बड़कागांव प्रखंड में उनका आकस्मिक निधन हो गया. वह लंबे समय से दमा की बीमारी से जूझ रहे थे. उनके निधन से क्षेत्र के लोग मर्माहत हैं.

बड़कागांव (संजय सागर) : भारत के विभिन्न संग्रहालयों के लिए मूर्तियां और चित्र बनाने वाले देश के जाने-माने मूर्तिकार व चित्रकार कमल नाथ प्रजापति अब इस दुनिया में नहीं रहे. हजारीबाग जिला के बड़कागांव प्रखंड में उनका आकस्मिक निधन हो गया. वह लंबे समय से दमा की बीमारी से जूझ रहे थे. उनके निधन से क्षेत्र के लोग मर्माहत हैं.

कमल नाथ प्रजापति बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. साहित्य व मूर्तिकला के साथ-साथ चित्रकला में भी उनकी गहरी रुचि थी. उन्होंने भारत के अलग-अलग शहरों में स्थित संग्रहालयों के लिए अलग-अलग तरह की मूर्तियां बनायीं. चित्र भी बनाये. कमल नाथ प्रजापति ने पटना के गांधी संग्रहालय (1974), सौराष्ट्र के नृत्य कला मंदिर के लिए कई प्रतिमाएं बनायीं.

मुंबई के जुहू बीच पर उन्होंने 1986 से लेकर 1989 तक चित्रकारी की. गोवा पॉटरी का निर्माण किया, तो वर्धा संग्रहालय में कई प्रतिमाओं का निर्माण उनके हाथों से संपन्न हुआ. इतना ही नहीं, कर्नाटक जेजे कॉलेज मुंबई, दाऊद नगर, कानपुर, धनबाद, गोमिया, लोहरदगा, बोकारो समेत अन्य स्कूलों में कला के शिक्षक के रूप में सेवा दी.

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रजरप्पा के सूर्य नारायण मंदिर, बड़कागांव के दुर्गा मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा एवं बालिका उच्च विद्यालय के संस्थापक गुरुदयाल महतो की प्रतिमा का निर्माण कमल नाथ ने किया था. कला के क्षेत्र में इनके अद्वितीय योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा गया.

कमल नाथ प्रजापति बॉलीवुड फिल्मों के पोस्टर भी बनाया करते थे. मुंबई के बाद बोकारो आर्ट कॉलेज में वर्ष 2000 तक इन्होंने बच्चों को कला की शिक्षा दी. इसके बाद बड़कागांव में आकर उन्होंने क्षेत्र के कई युवाओं को कला की शिक्षा दी. इसी दौरान वह बीमार पड़ गये.

परिजनों ने बताया कि कमल नाथ प्रजापति का जन्म 8 जनवरी, 1943 को हुआ. वह अह्लाद प्रजापति व पुसनी देवी की सातवीं संतान थे. शिक्षा-दीक्षा बड़कागांव में हुई. गरीबी के कारण किशोरावस्था में ही मुंबई जाकर बॉलीवुड में पोस्टर बनाने का काम करने लगे थे.

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फिल्मी दुनिया में डिजिटाइजेशन बढ़ा, तो उन्होंने कॉलेज में शिक्षण का काम शुरू कर दिया. पूर्व विधायक लोकनाथ महतो ने कहा कि कमल नाथ प्रजापति भारत के अद्वितीय कलाकार थे. उनके निधन से भारत ने बड़ा कलाकार खो दिया. उनके शिष्य विकास कुमार कहते हैं कि कमल नाथ प्रजापति के निधन से कला जगत को बड़ी क्षति हुई है. इस शून्य को भर पाना मुश्किल होगा.

Posted By : Mithilesh Jha

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