लखनऊ : Ram Mandir Bhoomi Pujan, अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन और शिलान्यास (Ram Mandir Bhoomi Pujan) कार्यक्रम की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गयी हैं. पूर्व संध्या पर आज सरयू के तट पर हजारों दीये जलाये गये. पूरी अयोध्या नगरी को दुल्हन की तरह सजाया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) 5 अगस्त बुधवार को हनुमानगढ़ी में पूजा-अर्चना करेंगे. उसके बाद वह रामलला के दर्शन करेंगे और श्रीराम मंदिर का शिलान्यास करेंगे. इस कार्यक्रम के लिए मात्र 175 लोगों को न्यौता दिया गया है.
देश में कोरोनावायरस महामारी की बढ़ती गति को देखते हुए इस कार्यक्रम में सीमित लोगों को बुलाया गया है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कुल 175 लोगों को न्यौता भेजा है. मुख्य समारोह के दौरान मंच पर भी केवल पांच लोग मौजूद रहेंगे. मुख्य मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास मौजूद रहेंगे.
इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए नेपाल से भी संत अयोध्या आयेंगे. जनकपुरी के जानकी मंदिर के महंत, अशोक सिंघल के भाई के बेटे सलिल सिंघल यजमान होंगे. काशी विद्वत परिषद के पंडित राम नारायण द्विवेदी, मंत्री काशी विद्वत परिषद, पंडित विनय पांडेय, ज्योतिष विभाग के हेड (बीएचयू), रामचंद्र पांडेय, उपाध्यक्ष काशी विद्वत परिषद भी कार्यक्रम में शामिल होंगे.
इसके साथ ही राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, सदस्य परमानन्द गिरी, सदस्य विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्र, डॉ कामेश्वर चौपाल, महंत दीनेन्द्र दास, अपर सचिव गृह, भारत सरकार ट्रस्ट के नामित सदस्य ज्ञानेश कुमार, अपर मुख्य सचिव यूपी और ट्रस्ट के नामित सदस्य अवनीश अवस्थी, अयोध्या के डीएम और ट्रस्ट के पदेन सदस्य अनुज झा भी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे.
इनके साथ-साथ 36 परंपराओं के 135 संत भी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे. संतों में दशनामी सन्यासी परंपरा, रामानंद वैष्णव परंपरा, रामानुज परंपरा, नाथ परंपरा, निम्बार्क, माध्याचार्य, बल्लभचार्य, रामसनेही, कृष्णप्रणामी, उदासीन, निर्मले संत, कबीर पंथी, चिन्मय मिशन, रामकृष्ण मिशन, लिंगायत, रविदासी संत, वाल्मीकि संत, आर्य समाज, सिख परंपरा, जैन संत, कैवल्य ज्ञान, संतपथ, इस्कान, स्वामीनारायण, वारकरी, एकनाथ, बंजारा संत, वनवासी संत, आदिवासी गौण, गुरु परंपरा, भारत सेवाश्रम संघ, आचार्य समाज, संत समिति, सिंधी संत और अखाड़ा परिषद के संतों को भी आमंत्रित किया गया है.
इस कार्यक्रम में दो मुस्लिमों को भी आमंत्रित किया गया है. इन दो लोगों में बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी और पद्मश्री मोहम्मद शरीफ का नाम शामिल है. बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा भी था कि भगवान राम की मर्जी है कि मैं इस कार्यक्रम में जाऊं तो जरूर जाऊंगा. वहीं, शरीफ वह शख्स हैं जिन्होंने अब तक साढ़े पांच हजार से ज्यादा लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर चुके है.
इसके अलावा योग गुरु स्वामी रामदेव भी शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होंगे. ट्रस्ट की ओर से उन्हें भी न्यौता दिया गया है. साथ ही साथ अयोध्या के बीजेपी सांसद लल्लू सिंह और यहां के विधायक वेद प्रकाश गुप्ता को भी कार्यक्रम के लिए बुलाया गया है. आपको बता दें कि उम्र का खयाल रखते हुए कल्याण सिंह और भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी को आमंत्रित नहीं किया गया है.
Posted by: Amlesh Nandan Sinha.