भूमि पूजन से पहले ही अयोध्या राममय हो गयी है. जगह-जगह भगवान राम के भजन गूंज रहे हैं. रामनगरी में चारों ओर केसरिया रंग के झंडे लहरा रहे हैं. मुख्य मार्ग और रामलला मंदिर की ओर जाने वाले मार्गों पर केसरिया पताकाएं लहरा रही हैं. इन पताकाओं पर भगवान राम और राम दरबार और हनुमान जी के चित्र उकेरे गये हैं. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को लेकर पूरी अयोध्या सील हो गयी है. कोरोना के चलते हनुमानगढ़ी और रामजन्मभूमि जैसे इलाके को सैनिटाइज किया जा रहा है.
दरअसल, पांच अगस्त को पीएम श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए नींव रखेंगे. इसके पहले वह हनुमानगढ़ी मंदिर जायेंगे, जहां हनुमानजी के दर्शन करेंगे और उनसे भूमि पूजन की अनुमति लेंगे. ऐसा इसलिए किया जायेगा, क्योंकि मान्यता है कि ‘भगवान हनुमान के बिना, भगवान राम का कोई भी काम पूरा नहीं होता है.’ पीएम हनुमान जी का आशीर्वाद लेकर ही जन्मभूमि स्थली पर राम मंदिर के निर्माण की नींव रखेंगे.
अयोध्या के चौकीदार हैं हनुमानजी : मान्यता है कि हनुमान जी का वास यहीं एक गुफा में है. वो यहीं रह कर रामजन्मभूमि और रामकोट की रक्षा किया करते हैं. हनुमान जी अयोध्या के असली चौकीदार है. कहा जाता है कि भगवान राम ने ही हनुमान की भक्ति से प्रसन्न होकर कहा था कि जो भी भक्त उनके (भगवान राम के) दर्शन के लिए अयोध्या आयेगा, उसे पहले हनुमान का दर्शन और पूजन करना होगा. यहां आज भी छोटी दिवाली के दिन आधी रात को संकटमोचन का जन्म दिवस मनाया जाता है. पवित्र नगरी अयोध्या में सरयू नदी में पाप धोने से पहले लोगों को हनुमानजी से आज्ञा लेनी होती है.
हनुमानगढ़ी में बाल हनुमान: हनुमानगढ़ी यानी हनुमान जी का घर. यह अयोध्या का सबसे प्रमुख और प्रसिद्ध हनुमान मंदिर है. यहां छह इंच की बाल हनुमान की प्रतिमा है. चूंकि, हनुमानगढ़ी एक टीले पर स्थित है, इसलिए यहां पहुंचने के लिए करीब 76 सीढ़ियां चढ़नी होती है. मुख्य मंदिर में बाल हनुमान के साथ उनकी मां अंजनी की प्रतिमा भी है. मंदिर परिसर में मां अंजनी और बाल हनुमान की एक और मूर्ति है, जिसमें हनुमान अपनी मां अंजनी की गोदी में बालक रूप में लेटे हुए हैं.
साध्वी ऋतम्भरा यमुना का जल और ब्रजरज लेकर जायेंगी : वृंदावन के वात्सल्य ग्राम की संस्थापक साध्वी ऋतम्भरा भी पांच अगस्त को प्रस्तावित भूमि पूजन में भाग लेंगी. उन्होंने बताया कि मथुरा से चार लोगों को निमंत्रण मिला है. वे लोग मंगलवार को मथुरा से रवाना होंगी. वे यहां से यमुना जल एवं अभिमंत्रित ब्रजरज लेकर अयोध्या पहुंचेंगी. इसके लिए उन्होंने रविवार को वृंदावन के केशीघाट से विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना कर यमुना जल एकत्र किया.
35 साल से रामलाल की पोशाक सिल रहे शंकरलाल : भूमि पूजन के दिन ‘रामलला’ शंकरलाल और भगवत लाल द्वारा तैयार की गयी नवरत्न जड़ित विशेष पोशाक में सजेंगे. शंकरलाल पिछले 35 सालों से रामलला और अन्य प्रतिमाओं की पोशाक सिल रहे हैं. 54 वर्षीय शंकरलाल ने बताया कि उनके पिता बाबूलाल ने 1985 में रामलला के परिधान सिलना शुरू किया था. वह राम जन्मभूमि में अपनी सिलाई मशीन लेकर जाते थे. इस दौरान वह और उनके भाई भगवत लाल अपने पिता के साथ मिल कर रामलला के परिधान सिलते थे.
शंकरलाल ने बताया कि भूमि पूजन के दिन के लिए रामलला की पोशाक के दो सेट तैयार किये गये हैं. इनमें से एक हरे रंग का है, जबकि दूसरा भगवा रंग का. यह परिधान मखमल से बनाये गये हैं. हरे रंग की पोशाक उस दिन के रंग को ध्यान में रखकर तैयार की गयी है, जबकि भगवा को पवित्र रंग माना जाता है. बुधवार को रामलला पहले हरी पोशाक और बाद में भगवा पोशाक धारण करेंगे.
भूमि पूजन में शामिल नहीं होंगी उमा भारती : भाजपा नेता उमा भारती ने सोमवार को कहा कि कोरोना के मद्देनजर वह पीएम मोदी की वापसी के बाद ही रामलला के दर्शन करने पहुंचेंगी. उमा ने ट्वीट किया कि मंगलवार शाम अयोध्या पहुंचने तक मेरी किसी संक्रमित व्यक्ति से मुलाकात हो सकती हैं. ऐसी स्थिति में जहां नरेंद्र मोदी और सैकड़ों लोग उपस्थित हों, मैं उस स्थान से दूरी रखूंगी. मोदी और सभी समूह के चले जाने के बाद ही मैं रामलला के दर्शन करने पहुंचूंगी.
दिग्विजय बोले- राम मंदिर शिलान्यास की तिथि का मुहूर्त अशुभ, इसे बदलें प्रधानमंत्री : कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर शिलान्यास की घोषित तिथि को अशुभ मुहुर्त बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि इस शिलान्यास कार्यक्रम को उस दिन के लिए टाल दें. उन्होंने कहा कि सनातन हिंदू धर्म की मान्यताओं को नजरअंदाज करने का नतीजा है कि राम मंदिर के पुजारी एवं भाजपा नेताओं को कोविड-19 हो रहा है.
दिग्विजय ने ट्वीट किया कि पांच अगस्त को भगवान राम के मंदिर शिलान्यास के अशुभ मुहुर्त के बारे में विस्तार से जगदगुरु स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज ने सचेत किया था. मोदी जी की सुविधा पर यह अशुभ मुहुर्त निकाला गया. यानि, मोदी जी हिंदू धर्म की हजारों वर्षों की स्थापित मान्यताओं से बड़े हैं. क्या यही हिंदुत्व है?
देश की 36 आध्यात्मिक परंपराओं के 135 संतों को मिला है निमंत्रण : राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा है कि देश की 36 आध्यात्मिक परंपराओं के 135 संतों को निमंत्रण भेजा गया है. मंदिर के निर्माण में अयोध्या में रामजन्म जैसा उल्लास है. भूमि पूजन का गवाह बनने के लिए सोमवार से अयोध्या में मेहमानों का आगमन भी शुरू हो गया. अब सभी को पांच अगस्त का बेसब्री से इंतजार है. चंपत राय ने कहा कि कई संत अयोध्या पहुंच गये हैं.
मंगलवार की शाम तक सभी लोग आ जायेंगे. संघ प्रमुख मोहन भागवत, सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी और दूसरे पदाधिकारी भी मंगलवार की रात तक आ जायेंगे. आयोजन में नेपाल के संत भी शामिल होंगे. जनकपुर का बिहार, उत्तरप्रदेश से रिश्ता है. जानकी मंदिर के महंत भी आयेंगे.
सुरक्षा सख्त : निमंत्रण पत्र पर है स्पेशल सिक्योरिटी कोड : चंपत राय ने बताया कि निमंत्रण पत्र में सिक्योरिटी कोड है. यह सिर्फ एक बार ही काम करेगा. इसे लेकर कोई अंदर आया और फिर किसी काम से बाहर आया, तो दोबारा यह सिक्योरिटी कोड काम नहीं करेगा. परिसर में मोबाइल, कैमरा या किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की इजाजत नहीं होगी. हर एक कार्ड पर नंबर है. उसी नंबर की लिस्ट पुलिस को गेट पर दी जायेगी. नंबर और नाम क्रॉस चेक होगा तभी एंट्री मिलेगी. निमंत्रण कार्ड अयोध्या में बंटने शुरू हो गये हैं.
अयोध्या स्टेशन का निर्माण कार्य जून, 2021 तक हो जायेगा पूरा : भारतीय रेलवे ने बताया कि नये अयोध्या स्टेशन के पहले चरण का निर्माण जून, 2021 तक पूरा कर लिया जायेगा. रेलवे ने बताया कि स्टेशन दिखने में राम जन्मभूमि मंदिर जैसा होगा और यहां आने वाले यात्रियों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी. उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने बताया कि पहले चरण में प्लेटफॉर्म संख्या 1, 2, 3 का काम, बरामदा, सीढ़ियों और परिसर का काम पूरा किया जायेगा. इस स्टेशन के निर्माण को 2017-18 में मंजूरी मिली थी. इसे बनाने में करीब 104 करोड़ रुपये की लागत आयेगी. दूसरे चरण में नये स्टेशन के भवन और अन्य सुविधाओं का निर्माण किया जायेगा.
अयोध्या में मूर्तियों से दिखेगा भगवान राम के जीवन का सफर : रामजन्मभूमि परिसर में कई झांकियां तैयार हैं. इनमें भगवान राम के बचपन से लेकर राज्यभिषेक तक की यात्रा से जुड़ी मूर्तियां शामिल हैं. ये मूर्तियां राम मंदिर के प्रांगण में लगायी गयी हैं. इन्हें अयोध्या में असम के कलाकार रंजीत मंडल बना रहे हैं. विश्व हिंदू परिषद के स्वर्गीय नेता अशोक सिंघल रंजीत मंडल को यहां लेकर आये थे, तब से रंजीत अपने परिवार के साथ यहीं बस गये.
Post by : Pritish Sahay