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बिहार : शहरी निकायों के विकास पर कोरोना का ग्रहण, जन उपयोगी योजनाएं पड़ी ठप

कोरोना से राज्य के शहरी निकायों में विकास की रफ्तार पर ना केवल ब्रेक लगाया है, बल्कि गरीबों के लिए चल रही जन उपयोगी योजनाएं भी ठप पड़ गयी हैं.

पटना : कोरोना से राज्य के शहरी निकायों में विकास की रफ्तार पर ना केवल ब्रेक लगाया है, बल्कि गरीबों के लिए चल रही जन उपयोगी योजनाएं भी ठप पड़ गयी हैं. हालात ऐसे हैं कि कोरोना के कारण बीते चार माह से राज्य के 142 नगर निकायों में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत एक भी योजना की स्वीकृति नहीं मिली है. किसी भी शहरी निकाय में गरीबों के आवास योजना के लिए राशि जारी नहीं की गयी है. वहीं, दूसरी तरफ सूबे के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत आवास योजनाओं की स्वीकृति भी दी जा रही है और स्वीकृत योजनाओं के लिए लाभुकों के खाते में किस्त के पैसे भी दिये जा रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ व कोरोना के बावजूद प्रतिदिन लगभग 3000 से 4000 आवास पूर्ण हो रहे हैं.

इन जिलों में मिली है स्वीकृति : उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए राज्य से प्राप्त कुल लक्ष्य 782102 को सभी जिलों में आवंटित कर दिया गया है. सभी जिलों में इसके विरुद्ध निबंधन स्वीकृति एवं जियो टैंगिंग का कार्य जोर-शोर से चल रहा है. इन लक्ष्यों के अनुरूप आवास निर्माण हो जाने की स्थिति में स्थायी प्राथमिकता सूची के सभी पात्र लाभुक आच्छादित हो जायेंगे. चालू वित्तीय वर्ष में सर्वाधिक लक्ष्य दरभंगा जिले को 90304 आवासों के निर्माण का दिया गया है. समस्तीपुर को 68471, सीतामढ़ी को 60924, मधुबनी को 60721, गया को 12544, भागलपुर को 27462, मुजफ्फरपुर को 30940, पश्चिमी चंपारण को 35258, पूर्वी चंपारण को 44434, पटना जिले को 39050 तथा अररिया जिले को 55585 आवासों के निर्माण का लक्ष्य दिया गया है.

अभी तक पूरे हुए इतने आवास

वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 के लिए समेकित रूप से 1176617 आवासों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया था. इसमें अब तक 1128782 लाभुकों को प्रथम किस्त की राशि प्रदान की गयी, जो कुल का लगभग 96 प्रतिशत है. वहीं, अब तक 74 प्रतिशत आवास पूर्ण है. ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए अलग से केंद्र सरकार द्वारा किसी राज्य को आवास निर्माण सहायता उपलब्ध कराने का कोई लक्ष्य प्राप्त नहीं हुआ था. वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए राज्य को तीन बार पृथक-पृथक कर लक्ष्य प्राप्त हुआ. वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए प्राप्त कुल लक्ष्य 1302259 में से अब तक 1267712 स्थायी प्राथमिकता सूची के परिवारों का निबंधन के आवास एप पर करते हुए लगभग 94 प्रतिशत लाभुकों को आवासों की स्वीकृति दी जा चुकी है.

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