हल्की बारिश ने राजधानी की बिजली की लचर आपूर्ति व्यवस्था को एक बार फिर से उजागर कर दिया है. राजधानी के कुछ इलाकों में बिजली की लगातार ट्रिपिंग से लोग परेशान हैं. सबसे ज्यादा दिक्कत उनलोगों को हो रही है, जो कोरोना संकट के बीच घर में बैठ कर कार्यालय का काम (वर्क फ्रॉम होम) कर रहे हैं. बार-बार बिजली कटने से उन्हें सर्वर से जुड़ने और इंटरनेट कनेक्टिविटी में परेशानी हो रही है. प्रभात खबर ने बिजली कटने की पड़ताल की, ताे पाया कि सबसे ज्यादा लोकल फॉल्ट को बनाने के लिए शटडाउन लिया जा रहा है.
24 राजधानी के दो दर्जन फीडर ऐसे हैं, जहां तकनीकी खराबी को दूर करने के नाम पर पिछले 24 घंटे में पांच से दस बार बिजली काटी गयी है. कोकर सब डिविजन के कोकर अर्बन और रूलर दो सबस्टेशन हैं. इनसे शहर के बड़े हिस्से को बिजली आपूर्ति की जाती है. कोकर रूलर पीएसएस में चूना भट्टा, रानी बागान, लालपुर, कोकर, एचटीआइ और इंडस्ट्रियल इलाके हैं. वहीं, कोकर अर्बन पीएसएस में नामकुम, एचबी रोड और पावर हाउस सहित कुल नौ फीडर हैं. पिछले 24 घंटे के डिटेल पावर रिपोर्ट के मुताबिक, अकेले पावर हाउस फीडर में कुल 2.45 घंटे के लिए 13 बार बिजली काटी गयी.
शहर में फॉल्ट मरम्मत के लिए होनेवाले शटडाउन से उपभोक्ता परेशान हैं. शनिवार को कोकर अर्बन में 33 केवी लाइन ब्रेकडाउन होने के चलते आधा घंटा से ऊपर बिजली गायब रही. नामकुम फीडर में 33 मिनट में चार बार, एचबी रोड में 34 मिनट में दो बार, रानी बागान में 55 मिनट में दो बार और इसी तरह से कई अन्य फीडरों में पांच से दस मिनट व आधे से एक घंटे के बीच कई बार ट्रिपिंग हुई.
एक तरफ ट्रिपिंग के कारण बिजली कटने से लोग परेशान हैं. वहीं, ट्रांसफार्मर जलने से उनकी परेशानी कई गुना बढ़ जा रही है. करमटोली में 200 केवीए, लटमा-धुर्वा में 500 केवीए और विवेकानंद कॉलोनी रातू रोड और इलाही नगर-पुंदाग में चार अलग-अलग जगहों पर ट्रांसफार्मर जल गया, रविवार को इन्हें बदला गया.
posted by : sameer oraon