रांची : कोरोना महामारी ने राज्य के 83 अभ्यर्थियों को डिप्टी कलक्टर बनने से रोक दिया है. ये अभ्यर्थी किसी न किसी विभाग में कार्यरत हैं. वर्ष 2006 में डिप्टी कलक्टर बनने के लिए आवेदन दिया है, लेकिन 14 साल बाद भी वे डिप्टी कलक्टर नहीं बन पाये. इसी परीक्षा में शामिल कई कर्मचारी इसी माह सेवानिवृत्त भी हो जायेंगे. झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा प्रथम अौर पंचम डिप्टी कलक्टर सीमित परीक्षा का आयोजन हो चुका है, लेकिन रिजल्ट नहीं निकल पाया है.
बताया जाता है कि प्रथम डिप्टी कलक्टर सीमित परीक्षा के लिए आयोग ने 50 पद के लिए वर्ष 2006 में योग्य अभ्यर्थियों से आवेदन आमंत्रित किया. इसके बाद परीक्षा आयोजित की गयी, लेकिन अनियमितता के कारण इसे रद्द करना पड़ा. तकनीकी दांव-पेंच के बाद आखिरकार आयोग ने दोबारा तीन जनवरी 2020 को परीक्षा का आयोजन किया.
अांसर-की जारी की. बताया जाता है कि आयोग ने उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन कार्य शुरू ही कराया था कि कोरोना महामारी फैलने व देश भर में लॉकडाउन की स्थिति उत्पन्न होने के कारण बीच में ही मूल्यांकन कार्य स्थगित कराना पड़ा. मूल्यांकन कार्य के लिए बाहर से आये परीक्षकों को वापस भेजने में आयोग को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा.
इसी प्रकार रेगुलर में चार व बैकलॉग में एक पद के लिए पंचम सीमित परीक्षा का भी आयोजन आयोग द्वारा अक्तूबर 2019 में किया गया. आयोग ने जनवरी 2020 में अांसर-की जारी की, लेकिन कोरोना के कारण उत्तरपुस्तिकाअों का मूल्यांकन कार्य बाधित हो गया. नतीजतन, रिजल्ट बाधित हो गया है.
आयोग ने 28 पद के लिए डिप्टी कलक्टर छठे सीमित परीक्षा के लिए 22 व 23 अगस्त 2020 को परीक्षा की संभावित तिथि निर्धारित की थी. लेकिन कोरोना महामारी के प्रसार व केंद्र व राज्य सरकार के निर्देश के अालोक में 31 अगस्त 2020 तक सभी स्कूल व कॉलेज बंद रखे गये हैं. ऐसे में परीक्षा केंद्र का निर्धारण कठिन हो गया है. अब आयोग परीक्षा लेने की स्थिति में नहीं है. इधर, तीनों परीक्षा में शामिल अभ्यर्थी अब भी रिजल्ट के इंतजार में हैं.
Post by : Pritish Sahay