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इबादत : जिले के मुसलिम धर्मावलंबियों ने घरों में ही ईद-उल-अजहा की नमाज
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प्रशासन की देखरेख में पांच लोगों ने ही मस्जिद में नमाज पढ़ी
गढ़वा : गढ़वा जिले में शनिवार को ईद-उल-अजहा का त्योहार पूरी तरह से शांति व सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाया गया. सरकारी निर्देश के अनुसार जिले के सभी मस्जिदों व ईदगाहों में मात्र पांच लोगों ने नमाज अदा की. जबकि बाकी सभी लोगों ने अपने-अपने घरों में ही रह कर नमाज अदा की. इस बकरीद में न तो पूर्व के जैसे भीड़ लगी और न ही लोगों का गले-मिलना हुआ. ईद-उल-अजहा को लेकर प्रशासन शुक्रवार की शाम से ही पूरी तरह से चौकस दिखी. चारों ओर ईद-उल-अजहा को लेकर खरीदारी हो रही थी.
साथ ही बकरीद की अन्य तैयारियों में मुस्लिम धर्मावलंबी व्यस्त थे. इसके मद्दे नजर कहीं भी अप्रिय घटना की सूचना न मिले, जिला मुख्यालय सहित सभी प्रखंडों में पुलिस गश्ती तेज कर दी गयी थी. जबकि शनिवार को पुलिस ने सभी मस्जिद व ईदगाह स्थल व आसपास के क्षेत्र में तैनात थी. सभी जगह कोरोना वायरस से सुरक्षा को लेकर प्रशासन नियमों का पालन करने के लिए सजग थी. मुस्लिम धर्मावलंबियों ने ईद-उल-अजहा के मौके पर बकरे की कुर्बानी दी. साथ ही बकरीद का नमाज पढ़ते हुए देश को कोरोना वायरस से निजात दिलाने के लिए दुआएं मांगी. इसके बाद लोगों ने एक-दूसरे को बकरीद को लेकर बधाई दी.
गढ़वा शहर के बड़ी मस्जिद, छोटी मस्जिद, रांकी मुहल्ला जामा मस्जिद, उंचरी मदरसा आदि जगहों पर जहां पूर्व में बकरीद के पर्व के दिन काफी गहमा-गहमी रहती थी, वहां पूरी तरह से शांति थी. लोग अपने-अपने घरों में ही नमाज पढ़ रहे थे. इसी तरह की स्थिति प्रखंड में भी देखने को मिली. झामुमो के जिलाध्यक्ष तनवीर आलम ने कहा कि ईद उल अजहा के मौके पर उन्होंने सरकारी नियमों का पालन करते हुए सामाजिक दूरी बनाते हुये अपने तिलदाग गांव स्थित घर में ही अपने लोगों के साथ नमाज अदा की.
रंका में इस वर्ष कोरोना वायरस के मद्दे नजर मुसलमानों ने अपने-अपने घरों में ही बकरीद का त्योहार मनाया और नमाज अदा की. स्थानीय मस्जिद में मात्र पांच मौलाना सोशल डिस्टैंसिंग में नमाज पढ़ रहे थे. सदर शोएब खलीफा ने कहा कि बकरीद का त्योहार सौहार्दपूर्ण वातावरण में धूमधाम से मनाया गया. इसमें सरकार के दिशा-निर्देश का पूरी तरह से पालन किया गया है. कहीं कोई भीड़ नहीं लगी. आपस में मिलना-जुलना भी कम हुआ.
श्री बंशीधर नगर : श्री बंशीधर नगर अनुमंडल मुख्यालय सहित आसपास ग्रामीण इलाकों में ईद-उल- अजहा(बकरीद) उल्लास के साथ मनाया गया. शनिवार को कोरोना संक्रमण के कारण इस बार सामूहिक नमाज पर रोक होने के कारण मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपने घरों में ही नमाज अदा की. नमाज के दौरान मुल्क में अमन चैन एवं तरक्की के साथ कोरोना महामारी से हिंदुस्तान वासियों को निजात दिलाने के लिए दुआएं भी मांगी. मस्जिद में मात्र पांच लोगों ने नमाज अदा की.
बड़गड़ : प्रखंड मुख्यालय बड़गड़ सहित पूरे प्रखंड क्षेत्र में मुस्लिम धर्मावलंबियों ने ईद-उल-अजहा का त्योहार हर्षोल्लास के साथ सादगीपूर्ण तरीके से सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाया. कोरोना महामारी के मद्देनजर मुस्लिम धर्मावलंबियों ने सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश के तहत प्रखंड के विभिन्न गांव में स्थित मस्जिदों में सामाजिक दूरी का पालन करते हुए प्रत्येक मस्जिद में पांच-पांच व्यक्तियों ने नमाज अदा की.
मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा ईद उल अजहा पर्व को लेकर नमाज के लिए तय किये गये समयानुसार सबसे पहले सुबह छह बजे उगरा गांव स्थित मस्जिद में ईमाम कारी कुत्तबुद्दीन, परसवार मस्जिद में सुबह सात बजे इमाम मौलाना अब्दुल लतीफ एवं बड़गड़ स्थित जामा मस्जिद में सुबह साढ़े छह बजे वहां के पेश इमाम मौलाना इकबाल कादरी ने नमाज अदा करायी.
धुरकी : धुरकी प्रखंड क्षेत्र में हर्ष और उल्लास के साथ बकरीद का पर्व शनिवार को संपन्न हो गया. इस दौरान मुस्लिम धर्मावलंबियों ने अकीदत व एहतराम के साथ सरकार के आदेशानुसार पांच लोगों ने ही मस्जिद में जाकर बकरीद की नमाज अदा की. बाकी लोगों ने अपने-अपने घरों में बकरीद की नमाज अदा की. प्रखंड के खाला के मौलवी मुस्ताक अंसारी, धुरकी के गयासुद्दीन अंसारी, हाफिज मुजाहिद अंसारी, हाफिज अब्दुल मजीद इंजीनियर, बैतुल्लाह अंसारी, पूर्व मुखिया महबूब अंसारी आदि लोगों ने बताया कि वे लोग इस बार सामूहिक रूप से जमात के साथ नमाज न पढ़कर कोरोना महामारी को देखते हुए सामाजिक दूरी का पालन कर घर में ही नमाज अदा की.
केतार : केतार प्रखंड क्षेत्र में ईद उल अजहा का पर्व शांतिपूर्ण तरीके से मनाया गया. इसमें प्रखंड के केतार एवं बेलाबार के मस्जिद में कोरोना वायरस महामारी को लेकर जारी सरकारी निर्देश के मुताबिक पांच- पांच लोगों ने ही नमाज अदा की. हालांकि बेलाबार गांव में सुबह छह बजे मस्जिद में नमाज अदा करने को लेकर दर्जनों लोग इकट्ठे हुए थे. परंतु प्रशासन की मुस्तैदी के कारण उक्त सभी लोगों ने वापस अपने-अपने घरों में लौटकर घर में ही नमाज अदा की. यहां केतार स्थित मस्जिद में मौलवी आयूब एवं बेलाबार स्थित मस्जिद में मौलाना नसीम की अगुवायी में नमाज अदा की गयी.