रांची: निर्दलीय विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है. इसमें मुख्यमंत्री से मैनहर्ट मामले में निगरानी ब्यूरो को समुचित कार्रवाई करने के लिए निर्देश देने का आग्रह किया गया है. पत्र में 28 सितंबर 2018 को हाइकोर्ट द्वारा पारित आदेश का उल्लेख किया गया है. कहा गया है कि इस मामले में हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को निगरानी ब्यूरो की जांच पर कार्रवाई करने की अनुमति प्रदान करने को कहा है.
इस आदेश का अनुपालन अभी भी लंबित है. एक ओर डबल इंजन की सरकार में कार्रवाई करने की अनुमति निगरानी को नहीं मिली. तो दूसरी ओर तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास कह रहे हैं इस मामले में क्लीन चिट मिल गया. पत्र में कहा गया है की आरंभिक जांच के बाद निगरानी ब्यूरो के तत्कालीन अधिकारी एमवी राव ने 22 सितंबर 2010, चार दिसंबर 2010, 20 जनवरी 2011 और 28 मार्च 2011 को निगरानी आयुक्त से कार्रवाई करने की अनुमति मांगी थी.
परंतु तत्कालीन निगरानी आयुक्त राजबाला वर्मा ने अनुमति नहीं दी. इसी आधार पर हाइकोर्ट का 28 सितंबर 2018 को आदेश आया है. पत्र में कहा गया है कि मैनहर्ट घोटाला के मुख्य किरदार और साजिशकर्ता रघुवर दास उस समय राज्य के मुख्यमंत्री थे. इसलिए स्वाभाविक है कि उनकी सरकार ने न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया. कार्रवाई की अनुमति नहीं दी गयी. शायद इसे ही वे क्लीन चिट मान रहे हैं. निगरानी ब्यूरो को उपयुक्त विषय में कार्रवाई करने का हाइकोर्ट का आदेश अब भी लंबित रहेगा, तो माना जायेगा कि यह सरकार भी न्यायालय के आदेश की अवमानना कर रही है. इसके विरुद्ध न्यायालय की अवमानना की कार्रवाई नियमानुसार की जा सकती है. ऐसे में अनुरोध है कि इस मामले में निगरानी ब्यूरो को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाये.
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