पटना : ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों के लिए आइआइटी पटना की एप डेवलपमेंट टीम ने एक एप बनाया है. एप का नाम शब्द -वॉयस ऑफ डी एक्सट्राऑर्डिनरी रखा गया है. एप मुख्य रूप से उन लोगों को शिक्षित करने के लिए बनाया गया है जो ऑटिज्म से पीड़ित हैं. एप गूगल प्ले स्टोर पर फ्री में उपलब्ध है. यह पेशेंट को चित्रों के माध्यम से संचार का ज्ञान प्राप्त करायेगा. एप से बच्चे खुद को अकेला महसूस नहीं करेंगे.
13 साल से कम उम्र के सामान्य बच्चे भी ज्ञान बढ़ाने के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं. डेवलप करनेवाली टीम ने बताया कि मुख्य उद्देश्य यह है कि बच्चे चित्रों का उपयोग निकट और प्रिय लोगों के साथ बातचीत करने के लिए कर सकता है. कोई भी अपना संदेश बहुत आसानी से बना सकता है. एप की अन्य सुविधाओं में त्वरित क्रियाएं, इंटरैक्टिव गेम्स, वीडियो, ड्राइंग कैनवास, निशुल्क शब्दकोश और दैनिक कार्य शामिल हैं.
क्या है एप में खास
एप में काफी कुछ खास है. शब्द बताता है कि शब्दावली में शब्दों को कहां खोजना है. तत्काल पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एक सुसंगत पैटर्न में शब्दावली रखी गयी है. बच्चों के जीवन से नये शब्दों को एप में जोड़ने में मात्र कुछ सेकंड लगते हैं. चित्रों से शब्द और वाक्य सीख सकते हैं और एप में उपलब्ध शब्दकोश के माध्यम से उनका अर्थ भी जान सकते हैं. क्विक कलर टैप और क्विज जैसे इंटरएक्टिव गेम्स शामिल हैं जो ब्रेन गेम्स में सर्वश्रेष्ठ प्राप्त करने में मदद करते हैं. यूट्यूब के कुछ शैक्षणिक वीडियो भी उपलब्ध हैं.
क्या है ऑटिज्म
ऑटिज्म एक ऐसी मानसिक बीमारी है, जो किसी बच्चे में जन्म से लेकर 3 साल की उम्र तक विकसित होती है. ऑटिज्म से पीड़ित बच्चा दूसरों से ठीक से बातचीत नहीं कर पाता अब तक हुई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि ऑटिज्म का सीधा रिश्ता बच्चों की दिमाग के उस हिस्से से है, जिसे वर्किंग मेमरी कहते हैं.