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Rajasthan Political Crisis : रात-दिन, सोते-जागते हर वक्त सरकार गिराने की सोचते हैं अमित शाह, सीएम अशोक गहलोत हुए हमलावर

Rajasthan Political Crisis,BJP,Congress : राजस्थान में चल रहा सियासी घमासान धीरे-धीरे अपने चरम पर पहुंचता नजर आ रहा है. कांग्रेस खेमा पूरी तरह से भाजपा पर हमलावर हो चुका है. सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार भाजपा पर राज्य की सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगा रहे हैं.

Rajasthan Political Crisis : राजस्थान में चल रहा सियासी घमासान धीरे-धीरे अपने चरम पर पहुंचता नजर आ रहा है. कांग्रेस खेमा पूरी तरह से भाजपा पर हमलावर हो चुका है. सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार भाजपा पर राज्य की सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगा रहे हैं. अब उनका कहना है कि अमित शाह हर वक्त सरकार गिराने के बारे में सोचते हैं.

गहलोत ने कहा कि अमित शाह का नाम मैं बार-बार इसलिए लेता हूं कि फोरफ्रंट पर वो ही आते हैं. कर्नाटक के लिए भी, एमपी के लिए भी, गोवा हो, मणिपुर हो, अरुणाचल प्रदेश हो, तो मजबूरी में कहना पड़ता है कि अमित शाह जी आपको क्या हो गया है? आप रात-दिन, जागते-सोते हर वक्त सोचते हो किस तरह मैं गवर्नमेंट को गिराऊं.’

गहलोत ने अपना आरोप दोहराया कि आगामी विधानसभा सत्र की तारीख तय होने के बाद राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त का ‘रेट’ (कीमत) बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि विधायकों और उनके परिवार के सदस्यों को धमकी भरे फोन आ रहे हैं. इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमे के विधायक शुक्रवार दोपहर जयपुर से जैसलमेर पहुंचे. वे वहां अगला करीब एक पखवाड़ा बिताने की तैयारी के साथ गये हैं. विधायकों को लेकर जयपुर से रवाना हुए पांच चार्टर्ड विमानों में से एक में मुख्यमंत्री गहलोत भी सवार हुए. हालांकि उन्होंने संकेत दिया कि वह वापस आएंगे. गहलोत ने हवाईअड्डे पर संवाददाताओं से कहा कि सरकार के कामकाज के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा क्योंकि वह और उनके मंत्री जयपुर में ही रहेंगे.

उधर नयी दिल्ली में राजस्थान कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित 19 बागी विधायकों की अयोग्यता की प्रक्रिया से विधानसभा अध्यक्ष को रोकने वाले उच्च न्यायालय के 24 जुलाई के आदेश को चुनौती देते हुये शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की. कांग्रेस महासचिव अविनाश पांडेय और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला भी विधायकों के साथ जैसलमेर पहुंचे.

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पार्टी ने दावा किया कि कांग्रेस, सहयोगी दलों तथा निर्दलीय विधायकों समेत करीब 100 लोगों ने उड़ान भरी. इससे पहले ये विधायक 13 जुलाई से दिल्ली-जयपुर राजमार्ग पर स्थित फेयरमोंट होटल में रुके हुए थे. गहलोत खेमा राज्य विधानसभा के 14 अगस्त से शुरू हो रहे सत्र में संभावित विश्वास मत के लिए अपने विधायकों को एकजुट रख रहा है.

इससे पहले जयपुर में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि सभी विधायक एकजुट रह सकें इसलिये उन्हें जैसलमेर ले जाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की रणनीति है कि एक भी विधायक की खरीद-फरोख्त ना हो सके. जैसलमेर रवानगी से पहले जयपुर हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत में कांग्रेस विधायक प्रशांत बैरवा ने कहा था कि हम जगह में बदलाव के लिए जैसलमेर जा रहे हैं. कांग्रेस महासचिव अविनाश पांडेय ने कहा कि यह लोकतंत्र को बचाने का प्रयास है. गहलोत ने जयपुर हवाई अड्डे पर दो अंगुलियों से विजय की मुद्रा प्रदर्शित की, वहीं विपक्षी भाजपा ने इस मुद्दे पर चुटकी ली.

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने ट्वीट किया, सब एक हैं, कोई खतरा नहीं है, लोकतंत्र है, सब ठीक है तो बाड़ेबंदी क्यों? और बिकाऊ कौन है? उनके नाम सार्वजनिक करो; बाड़े में भी अविश्वास! जयपुर से जैसलमेर के बाद आगे तो पाकिस्तान है.” एक और ट्वीट में पूनिया ने लिखा है कि कांग्रेस को टूट से बचाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधायकों को जैसलमेर ले गए, कहां तक भागेगी सरकार?

Posted By : Amitabh Kumar

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