नयी दिल्ली : अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण (Ayodhya Ram Mandir) को ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद’ करार देते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले (Dattatreya Hosabale) ने शुक्रवार को कहा कि धर्मनिरपेक्षता के नाम पर राष्ट्रवाद को दबाया नहीं जा सकता. होसबोले ने कहा, ‘देश की स्वतंत्रता का मतलब सिर्फ राजनीतिक आजादी या सत्ता परिवर्तन नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘वैचारिक और सांस्कृतिक गुलामी से मुक्ति वास्तव में स्वतंत्रता के मूल में है तथा राम मंदिर से देश का वैचारिक एवं सांस्कृति सभी आयाम जुड़े हैं.’ संघ के सह सरकार्यवाह होसबोले ने प्रभात प्रकाशन की पुस्तक ‘राम जन्भूमि- ट्रूथ, एविडेंस, फेथ’ के लोकार्पण के अवसर पर यह बात कही.
उन्होंने कहा कि कई बार रामजन्मभूमि आंदोलन को लेकर इसके तथाकथित विरोधी लोग धर्मनिरपेक्षता के नाम पर फिजूल चर्चा कर देते हैं और यह धर्मनिरपेक्षता की ‘विकृत व्याख्या’ है. होसबोले ने कहा कि ऐसे लोगों (विरोधियों) को मंदिर निर्माण से जुड़े राष्ट्रीय विचार की जानकारी नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘भारत क्या है ? भारत की पहचान क्या है? इस राष्ट्र की अस्मिता क्या है? इन सभी विषयों का रामजन्मभूमि और इस देश की मिट्टी से नाता है.’ संघ के सह सरकार्यवाह ने कहा, ‘अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण केवल धार्मिक चीज नहीं है. राम मंदिर के निर्माण का संबंध रोटी और विकास से है.’
उन्होंने बर्लिन की दीवार का उल्लेख करते हुए कहा कि जर्मनी के दोनों हिस्से के लोगों ने इस दीवार को गिरा दिया क्योंकि यह सांस्कृतिक पहचान को बांटने का काम कर रहा था. उन्होंने कहा कि पूर्व सोवियत संघ से भी अलग अलग राष्ट्रीयता के लोग बाहर निकल गये. उन्होंने दावा किया कि उन्हीं दिनों में भारत में राम मंदिर आंदोलन के रूप में पुनर्जागरण की शुरूआत हुई.
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होसबोले ने कहा कि विश्व का कोई भी देश राष्ट्रीयता को छोड़कर सिर्फ धर्मनिरपेक्षता का जामा नहीं पहन सकता. उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रवाद और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को दबाया नहीं जा सकता. कुछ समय के लिये यह धुंधला हो सकता है लेकिन फिर से उठकर आयेगा.’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री भूमि पूजन कार्यक्रम में अयोध्या जा रहे हैं तो कुछ लोगों ने बोलना शुरू किया है, जो ठीक नहीं है. संघ के सह सरकार्यवाह ने कहा कि राम मंदिर देश की सांस्कृतिक अस्मिता से जुड़ा है और इन विषयों पर व्यापक चर्चा होनी चाहिए.
Posted By: Amlesh Nandan Sinha.