UGC Exam Guidelines: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) से संबंधित देशभर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में फाइनल ईयर की परीक्षाएं 30 सितंबर तक आयोजित करवाने के मामले में सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 10 अगस्त के लिए टाल दी. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में 6 जुलाई को जारी यूजीसी की उस गाइडलाइन को चुनौती दी गई थी, जिसमें देश के सभी विश्वविद्यालयों से 30 सितंबर से पहले अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित कर लेने के लिए कहा गया है.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का कहना है कि फाइनल ईयर की परीक्षा का आयोजन जरूरी है, उसको रोका नहीं जा सकता.
अलग-अलग विश्वविद्यालयों के 31 छात्रों ने दायर की है याचिका
प्रणीत समेत देश के अलग-अलग विश्वविद्यालयों के 31 छात्रों, कानून के छात्र यश दुबे, शिवसेना की युवा इकाई युवा सेना के नेता आदित्य ठाकरे और छात्र कृष्णा वाघमारे ने याचिकाएं दाखिल की हैं. इन याचिकाओं में देश में फैली कोरोना की बीमारी का हवाला दिया गया है. मांग की गई है कि जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई (CBSE) के मामले में अब तक आयोजित हो चुकी परीक्षा और आंतरिक मूल्यांकन के औसत के आधार पर रिजल्ट घोषित करने का आदेश दिया था, वैसा ही इस मामले में भी किया जाए.
इससे पहले गुरुवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने फाइनल ईयर और अंतिम सेमेस्टर की एग्जाम सितंबर के आखिरी में कराने के अपने फैसले को उचित ठहराते हुए सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि देश भर में छात्रों के शैक्षणिक भविष्य को बचाने के लिए ऐसा किया गया है. फिलहाल अगली सुनवाई 10 अगस्त 2020 को होगी. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा यूनिवर्सिटी की अंतिम वर्ष की एग्जाम को 30 सितंबर 2020 तक कराने के दिशानिर्देशों को विरोध देश भर में हो रहा है. यह विरोध कोरोना महामारी के बीच परीक्षाओं के आयोजन को लेकर हो रहा है.
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में कोरोना को लेकर छात्रों के स्वास्थ्य के मद्देनजर परीक्षा आयोजित ना करवाने की मांग की गई है. याचिकाओं में 6 जुलाई को जारी किए गए यूजीसी के दिशानिर्देशों को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से निर्देश जारी करने की मांग की गई है. 6 जुलाई को यूजीसी के दिशानिर्देशों में सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को 30 सितंबर तक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित करने का निर्देश दिया गया था.