congress party rift ,Rahul Gandhi ,Sonia Gandhi : क्या कांग्रेस में बुजुर्ग VS युवा की खेमेबंदी चरम पर पहुंचती जा रही है ? क्या कांग्रेस में पीढ़ियों के बीच विचार नहीं मिल रहे हैं ? नहीं ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि कल की बैठक के बाद इस तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. दरअसल, गुरुवार को पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बैठक बुलाई थी. यह बैठक राज्यसभा के सांसदों के साथ थी. इस बैठक में पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने आत्मनिरीक्षण करने की सलाह दी जिसके बाद राहुल गांधी के खेमे से आवाज उठने लगी. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के करीबी माने जाने वाले एक युवा सदस्य ने उनका पुरजोर विरोध किया.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की सलाह : मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बैठक में शामिल एक नेता ने कहा कि राहुल गांधी के पूरी ताकत झोंकने के बाद भी ऐसा नजर आ रहा है. पूर्व मंत्री चिदंबरम ने कहा कि पार्टी का जिला और ब्लॉक स्तर पर संगठन मजबूत नहीं दिख रहा है. वहीं वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने शीर्ष से लेकर निचले स्तर तक आत्मनिरीक्षण की सलाह बैठक में दे दी. उन्होंने कहा कि हमें पता करना चाहिए कि आखिर ऐसा हो क्यों रहा है ?
राहुल के करीबी नेता हुए नाराज : सिब्बल के इस बयान के बाद राज्यसभा सांसद और राहुल के करीबी राजीव सातव सहमत नहीं दिखे. उन्होंने कहा कि कोई भी आत्मनिरीक्षण तब से होना चाहिए जब हम सत्ता पर आसीन थे. 2009 से 2014 तक का वक्त आत्मनिरीक्षण का था. यूपीए सरकार में मंत्री रहे सिब्बल पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उनके प्रदर्शन का भी रिव्यू किसा जाना चहिए. यदि यूपीए-2 में समय पर आत्मनिरीक्षण हो जाता को 2014 में कांग्रेस को 44 सीटों पर नहीं सिमटती.
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वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये बैठक : आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को पार्टी के राज्यसभा सदस्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये बैठक की, जिसमें कई सदस्यों ने राहुल गांधी को फिर से पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में रिपुन बोरा, पीएल पूनिया, छाया वर्मा तथा कुछ अन्य सदस्यों ने राहुल को फिर से पार्टी की कमान सौंपने की पैरवी की. बैठक से अवगत एक सूत्र ने बताया, बोरा, पूनिया, छाया वर्मा और कुछ अन्य सदस्यों ने कहा कि मौजूदा समय में पार्टी कार्यकर्ताओं की भावना है कि राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जाए. इन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी ही विपक्ष में इकलौती आवाज हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती दे रहे हैं.
Posted By : Amitabh Kumar