गोरखपुर : उत्तर प्रदेश दुष्कर्म का आरोप सिद्ध पाये जाने पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश गोविंद बल्लभ शर्मा ने राजघाट के तुर्कमानपुर निवासी परवेज परवाज और महमूद उर्फ जुम्मन बाबा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोनों पर 25-25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है. 2007 में सदर सांसद रहे योगी आदित्यनाथ पर एफआइआर दर्ज कराने के बाद परवेज परवाज चर्चा में आये थे. करीब दो साल से वह जेल में है.
कोर्ट में अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता यशपाल सिंह का कहना था कि वादिनी ने थाना राजघाट में इस आशय की रिपोर्ट दर्ज करायी थी कि उसका पति से मनमुटाव चल रहा था. अपने पति को वश में करने के लिए वह मगहर मस्जिद झाड़-फूंक कराने जाती थी जहां उसकी मुलाकात अभियुक्त जुम्मन बाबा से हुई. उसने वादिनी से समस्या पूछने के बाद झाड़-फूंक किया था, जिससे उसे थोड़ा फायदा हुआ, जिसके बाद वादिनी अभियुक्त जुम्मन बाबा पर विश्वास करने लगी.
तीन जून 2018 को 10.30 बजे अभियुक्त जुम्मन बाबा ने मस्जिद में दुआ करने के बहाने वादिनी को पांडेयहाता स्थित अपने दुकान के पास बुलाया. जब वह पहुंची तो अभियुक्त रिवॉल्वर सटा कर सुनसान स्थान पर ले गये और उसके साथ दुष्कर्म किया. इस मामले में केस दर्ज कर पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. मामला कोर्ट में विचाराधीन था जिस पर मंगलवार को कोर्ट ने साक्ष्यों के आधार पर फैसला सुनाया है.
परवेज परवाज ने वर्ष 2007 दंगे के दौरान धार्मिक उन्माद फैलाने का तत्कालीन सांसद व वर्तमान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित 12 लोगों के खिलाफ अदालत के जरिये केस दर्ज कराया था. हालांकि सबूत के तौर पर कोर्ट में जो डीवीडी पेश की गयी थी लैब टेस्ट के बाद उसमें छेड़छाड़ की बात सामने आयी थी. फर्जीवाड़ा पकड़े जाने के बाद उस मामले में भी कोर्ट के आदेश पर परवेज परवाज के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था.
Upload By Samir Kumar