मेदिनीनगर : पलामू चेंबर अॉफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, पलामू जिला व्यवसायी संघ, डालटनगंज चेंबर अॉफ कॉमर्स द्वारा संयुक्त रूप से सप्ताह में रविवार को बंदी किये जाने के निर्णय पर पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी द्वारा उठाये गये सवाल पर सोमवार को पलामू चेंबर अॉफ कॉमर्स के अध्यक्ष आनंद शंकर ने पलटवार किया है. चेंबर अध्यक्ष श्री शंकर ने कहा कि पता नहीं पूर्व मंत्री श्री त्रिपाठी समाजहित में व्यवसायियों द्वारा लिये गये निर्णय पर इतने हमलावर क्यों हो गये हैं?
अपेक्षा तो यह थी कि वह व्यवसायी संगठनों के इस निर्णय का स्वागत करेंगे.लेकिन वह विरोध पर उतारू है. वह व्यवसायियों को ही ज्ञान दे रहे हैं. लेकिन यह नहीं बता रहे हैं कि आखिर उन्होंने क्या किया. जहां तक खास महाल भूमि के फ्री होल्ड का सवाल है, तो मेरी समझ से त्रिपाठी जी बड़े नेता है. उन्हें इस बात की जानकारी होगी कि रघुवर सरकार के नेतृत्व में फ्री होल्ड का निर्णय लिया जा चुका है. जो लड़ाई चल रही है, वह दर संशोधन को लेकर है.
जैसा की त्रिपाठी जी स्वयं कह रहे हैं कि पिछले कई वर्षों से वे (चेंबर अध्यक्ष ) खास महाल फ्री होल्ड को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. यह स्थिति तब बनी जब चुने हुए प्रतिनिधि सत्ता मिलने के बाद भी आमजनों की समस्या का निदान नहीं कर सके, तो व्यवसायियों द्वारा दी गयी ताकत के आधार पर वह इस मामले को लेकर आगे बढ़े और उसका सकारात्मक नतीजा भी सामने आया. यदि श्री त्रिपाठी को इतना ही चिंता थी तो मंत्री रहते यह काम क्यों नहीं करा सके.
आज भी उनके पास अवसर है. राज्य में कांग्रेस समर्थित सरकार है. जिस बात के लिए वह चेंबर को कोस रहे हैं, उन कामों को अपने सरकार रहते करा दें. व्यवसायी किसी से चंदा नहीं लेते. बल्कि व्यवसायियों से चंदा लेने वाले लोग ही व्यवसायियों की तरक्की से लेते हैं. चंदा मांगे जाने का प्रमाण भी है. इसे वह कभी भी सार्वजनिक कर सकते हैं. जहां तक संगठन के चुनाव का सवाल है, तो संविधान के अनुसार होता है. यदि श्री त्रिपाठी जी का कोई प्रतिनिधि चुनाव लड़ने की इच्छुक है, तो वह इसे सार्वजनिक करें. वह चुनाव लड़ने की भी तैयार है. इसलिए वह अपने अनर्गल बयान से बचे.
Post by : Pritish Sahay