मेदिनीनगर : पलामू में बने कोविड -19 का डायग्नोस्टिक लैब बुधवार से काम करने लगेगा. पलामू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बने इस लैब का ऑनलाइन उद्घाटन राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे. इसे लेकर प्रशासनिक तैयारी शुरू कर दी गयी है. सोमवार को पलामू उपायुक्त शशिरंजन ने पोखराहा खुर्द में स्थित पलामू मेडिकल कॉलेज अस्पताल जाकर लैब का निरीक्षण किया. इसके अलावा उन्होंने कॉलेज के प्रशासनिक भवन एनोटोमी विभाग,फिजियोलॉजी सहित कई विभागों का भी निरीक्षण किया.
बताया गया कि कोविड 19 के डायग्नोस्टिक लैब के शुरू हो जाने से जांच के लिए सैंपल को रांची भेजने की जरूरत नहीं होगी. जांच मेदिनीनगर में ही संभव हो सकेगा. इससे टेस्टिंग में तेजी आयेगी. टेस्टिंग के बाद ट्रेसिंग के काम पर जोर दिया जायेगा, ताकि पलामू में कोरोना संक्रमण के रफ्तार को कम किया जा सके.
निरीक्षण के दौरान उपायुक्त श्री रंजन ने कहा कि कोविड-19 के डायग्नोस्टिक लैब खुलना पलामू के लिए गौरव की बात होगी. इस लैब के चालू हो जाने से जांच यहीं संभव होगी. इस लैब के निर्माण पर दो करोड़ से अधिक की राशि खर्च हुई है. मौके पर डीसी के अलावा उपविकास आयुक्त शेखर जमुआर, एनडीसी शैलेश कुमार सिंह, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अफताब आलम, सिविल सर्जन डॉ जॉन एफ कनेडी, पलामू मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ ज्योति रंजन सहित कई लोग मौजूद थे.
उल्लंघन करनेवालों पर रहेगी नजर
कोरोना संक्रमण पर ब्रेक लगे, इसके लिए प्रशासन पूरी सक्रियता के साथ लगा है. इस समय में जो लोग भी बाहर से आ रहे हैं, उन्हें 14 दिनों तक होम कोरेंटिन में रहना है. यदि इसका उल्लंघन करते पाये गये तो वैसे लोगों को सरकारी कोरेंटिन में शिफ्ट कर दिया जायेगा. साथ ही प्रावधान के मुताबिक प्राथमिकी दर्ज की कार्रवाई की जायेगी. इसलिए लोग इस नियम को हल्के में न ले.
जो इलाके रेड जोन हैं, वहां से आनेवाले लोगों के लिए सरकारी स्तर पर कोरेंटिन की व्यवस्था की गयी है. लेकिन लगातार यह सूचना प्राप्त हो रही है कि लोग होम कोरेंटिन के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. ऐसे लोगों को चिह्नित करने का काम प्रशासनिक स्तर पर शुरू कर दिया गया है. गांव से लेकर शहर तक के लोगों को जिम्मेवारी दी गयी है. पलामू उपायुक्त शशिरंजन ने बताया कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सबकी सहभागिता जरूरी है.
Post by : Pritish Sahay