नयी दिल्ली : सरकार ने सोमवार को दवाओं के विनिर्माण में काम आने वाली रासायनिक सामग्री और चिकित्सा उपकरणों के घरेलू निर्माण को बढ़ावा देने वाली चार योजनाओं के दिशानिर्देश जारी किया है. इसके तहत देश में थोक दवा एवं चिकित्सा उपकरण पार्क स्थापित किया जाना है. केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुसार दवा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इन योजनाओं को बनाया गया है.
उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि इन चिकित्सा उपकरण पार्कों की स्थापना का मकसद भारत को 53 महत्वपूर्ण सक्रिय दवा सामग्रियों (एपीआई) या मुख्य औषधिक सामग्री (केएसएम) के उत्पादन में और चिकित्सा उपकरणों के निर्माण में आत्मनिर्भर बनाना है, जिसके लिए अभी देश मुख्य रूप से आयात पर निर्भर है. उन्होंने कहा कि सरकार दवा क्षेत्र में आयात पर देश की निर्भरता कम करना चाहती हैं.
गौड़ा ने ट्वीट किया कि योजनाओं का मसौदा उद्योग और राज्य सरकारों सहित हितधारकों के साथ गहन विचार-विमर्श के बाद सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है. स्थान का चयन तटस्थ मानदंडों और प्रतिस्पर्धी संघवाद की भावना के आधार पर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पार्क के लिए जगह का चयन विनियामक मंजूरियों, बुनियादी ढांचे की स्थित, बेहतर संपर्क, सस्ती जमीन, प्रतिस्पर्धी उपयोगिता शुल्क और मजबूत आरएंडडी पारिस्थितिकी तंत्र पर आधारित होगा. उन्होंने कहा कि इससे नयी विनिर्माण इकाइयों की स्थापना के लिए समय और निवेश लागत में कमी होगी.
गौरतलब है कि सरकार ने पिछले साल के नवंबर महीने में देश में चार चिकित्सा उपकरण पार्क बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. इससे ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा मिलने के साथ ही कई बीमारियों के इलाज के लिए विश्वस्तरीय उपकरण कम कीमतों पर बनाए जा सकेंगे. ये चार चिकित्सा उपकरण पार्क आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल में बनाए जाएंगे. उत्तराखंड और गुजरात ने भी केंद्र सरकार से इस तरह के पार्क बनाने के लिए इजाजत मांगी थी.
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Posted By : Vishwat Sen
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