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COVID-19: होम कोरेंटिन में इन लापरवाहियों से जा सकती है जान, जानें पटना के अस्पतालों का इमरजेंसी नंबर व सारी जानकारी…

पटना: बेउर की मित्र मंडल कॉलोनी फेज टू में रहने वाले बेगूसराय के 45 वर्षीय प्रोग्राम ऑफिसर अरविंद कुमार की बुधवार को मौत हो गयी. उनके भाई डॉ मनोज कहते हैं कि अरविंद को बीपी, शुगर था. तीन दिनों से सर्दी, खांसी और बुखार भी था. दवा खिलाकर घर में ही इलाज किया जा रहा था, लेकिन तबियत बिगड़ने और सांस लेने में शिकायत होने पर जब भाई को लेकर आइजीआइएमएस गये तो वहां भर्ती लेने से इंकार कर दिया गया. उसके बाद रूबन, पारस, एम्स से लेकर पीएमसीएच तक भटकते रहे. पर कहीं भी भर्ती नहीं किया गया. वहीं पटना सिटी के चौक थाने के हरिमंदिर गली में बुधवार की सुबह कोरोना संक्रमित 50 वर्षीय राजकिशोर प्रसाद की मौत होम आइसोलेशन के दौरान हो गयी. परिजनों ने बताया कि तबीयत बिगड़ने पर उनकी कोरोना जांच करवायी गयी थी. 18 जुलाई को जब उनकी जांच रिपोर्ट आयी तो इसमें उन्हें कोरोना पॉजिटिव बताया गया. कंगन घाट स्थित आइसोलेशन सेंटर में लाकर उन्हें रखा गया, वहां से डॉक्टरों ने जांच पड़ताल कर होम आइसोलेशन के लिए भेज दिया. घर पर अचानक तबीयत बिगड़ने पर उनकी मौत हो गयी.ये दो उदाहरण बता रहे हैं कि होम आइसोलेशन या होम क्वारेंटिन में रहने वाले या कोरोना संदिग्ध मरीजों की तबियत बिगड़ने पर समय पर इलाज नहीं होने से उनकी मौत हो सकती है.

पटना: बेउर की मित्र मंडल कॉलोनी फेज टू में रहने वाले बेगूसराय के 45 वर्षीय प्रोग्राम ऑफिसर अरविंद कुमार की बुधवार को मौत हो गयी. उनके भाई डॉ मनोज कहते हैं कि अरविंद को बीपी, शुगर था. तीन दिनों से सर्दी, खांसी और बुखार भी था. दवा खिलाकर घर में ही इलाज किया जा रहा था, लेकिन तबियत बिगड़ने और सांस लेने में शिकायत होने पर जब भाई को लेकर आइजीआइएमएस गये तो वहां भर्ती लेने से इंकार कर दिया गया. उसके बाद रूबन, पारस, एम्स से लेकर पीएमसीएच तक भटकते रहे. पर कहीं भी भर्ती नहीं किया गया. वहीं पटना सिटी के चौक थाने के हरिमंदिर गली में बुधवार की सुबह कोरोना संक्रमित 50 वर्षीय राजकिशोर प्रसाद की मौत होम आइसोलेशन के दौरान हो गयी. परिजनों ने बताया कि तबीयत बिगड़ने पर उनकी कोरोना जांच करवायी गयी थी. 18 जुलाई को जब उनकी जांच रिपोर्ट आयी तो इसमें उन्हें कोरोना पॉजिटिव बताया गया. कंगन घाट स्थित आइसोलेशन सेंटर में लाकर उन्हें रखा गया, वहां से डॉक्टरों ने जांच पड़ताल कर होम आइसोलेशन के लिए भेज दिया. घर पर अचानक तबीयत बिगड़ने पर उनकी मौत हो गयी.

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होम आइसोलेशन या होम क्वारेंटिन में रहने वाले मरीजों की इन वजहों से हो सकती है मौत…

ये दो उदाहरण बता रहे हैं कि होम आइसोलेशन या होम क्वारेंटिन में रहने वाले या कोरोना संदिग्ध मरीजों की तबियत बिगड़ने पर समय पर इलाज नहीं होने से उनकी मौत हो सकती है. सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक मरीज के कोरोना पॉजिटिव होने या उनमें कोई लक्षण नहीं होने पर उनको अपने घर पर ही होम क्वारेंटिन में रहने की छूट मिल जाती है. लेकिन तबियत बिगड़ने पर उनको तुरंत नजदीक के अस्पताल से संपर्क करना होता है. कई लोग जानकारी के अभाव में अपने मरीज को लेकर एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक भटकते रहते हैं.

इस नंबर पर कॉल कर ले सकते हैं चिकित्सीय सलाह

होम क्वारेंटिन के दौरान मरीज टोल फ्री नंबर 104 पर कॉल कर पूछताछ कर सकते हैं. यहां से आप क्या दवा लें ? कैसी जीवनशैली हो ? जांच के लिए कहां जायें ? तबियत बिगड़ने पर कहां जायें ? आदि जानकारी ले सकते हैं. सप्ताह के सातों दिन और 24 घंटे यह सुविधा लोगों के लिए उपलब्ध है.

अभी निजी अस्पतालों में नहीं हो रहा इलाज

पटना के निजी अस्पतालों में कोविड 19 के इलाज की घोषणा तो हो गयी, लेकिन शुरू होने में अभी भी कम से कम तीन-चार दिन लगेंगे. वहीं एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह कहते हैं कि हमारे यहां अगर कोई भी कोरोना या कोविड 19 का गंभीर मरीज आता है तो उसे नहीं लौटाया जायेगा. भर्ती कर इलाज होगा.

पीएमसीएच में भी 100 बेड रिजर्व

पीएमसीएच में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए 100 बेड का कोविड 19 वार्ड राजेंद्र सर्जिकल ब्लॉक में बनाया गया है. यहां हर बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा दी गयी है.

पटना में 1352 लोग हैं होम आइसोलेशन में

पटना जिले में होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों से स्वास्थ्य संबंधी जानकारी लेने के लिए पटना समाहरणालय के विकास भवन में कोविड कंट्रोल रूम का गठन किया गया है. इस कंट्रोल रूम में लोग फोन कर स्वास्थ्य संबंधी या कोरोना की जांच या इलाज से संबंधित सभी जानकारियां ले सकते है. पटना जिले में फिलहाल 1352 लोग होम आइसोलेशन में हैं. कंट्रोल रूम में होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों का मोबाइल नंबर रहता है. जिस दिन वे होम आइसोलेशन में जाते हैं, उस दिन उन्हें फोन किया जाता है. इसके बाद पांचवें दिन और फिर दसवें दिन फोन कर उनके स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ली जाती है. इसके साथ ही उसे नोट भी किया जाता है. अगर इसी दौरान किसी की तबीयत खराब होती है तो परिजन कंट्रोल रूम की मदद से मरीज को आइसोलेशन सेंटर में भर्ती करा सकते हैं. इसके साथ ही सिविल सर्जन कार्यालय में फोन कर मदद ले सकते हैं.

– जिला प्रशासन कोविड कंट्रोल रूम – 0612-22019090

– सिविल सर्जन कार्यालय – 0612-2249964

एम्स में भर्ती होने के लिए यह है जरूरी

पटना एम्स बिहार में कोरोना के इलाज का सबसे बड़ा सेंटर है. यहां फिलहाल करीब 450 बेड हैं, जिसमें से 400 पर मरीज हैं. एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ सीएम सिंह कहते हैं कि पटना एम्स में भर्ती होने के लिए सबसे पहले जरूरी है कि मरीज के पास कोरोना पाॅजिटिव होने की रिपोर्ट हो. साथ ही किसी भी डाॅक्टर के द्वारा रेफर किया हुआ होना चाहिए. अगर पॉजिटिव आ चुके मरीज की स्थिति गंभीर है तो बिना रेफर करवाये भी आ सकता है उसे भर्ती ले लिया जायेगा. लेकिन संदिग्ध मरीजों को या बिना जांच रिपोर्ट के आने वालों को भर्ती नहीं लिया जाता है. अगर किसी अस्पताल में पहले से पॉजिटिव मरीज भर्ती है और उसे आइसीयू की जरूरत है तो एम्स आना चाहते हैं तो यहां संबंधित अस्पताल वाले पटना एम्स के डॉक्टरों से बात कर के ही मरीज को भेजें. यह इसलिए क्योंकि आइसीयू में बेड सीमित हैं और बेड भरे होने पर मरीज को आइसीयू मुहैया नहीं करवाया जा सकता.

जरूरत पड़ने पर यहां कर सकते हैं संपर्क

तबियत बिगड़ने पर नजदीक के अस्पताल से संपर्क करें.टोल फ्री 104 पर काॅल कर चिकित्सीय सलाह लें.

– पीएमसीएच – 0612-2304104

– वरीय नोडल पदाधिकारी-नवीन कुमार -6287590551, अवधेश दीक्षित-6287590554

– पहली पाली- सुबह छह बजे से दो बजे तक- विवेक कुमार-6287590557

– दूसरी पाली- दिन दो बजे से रात दस बजे तक-ऋषभ- 6287590558

– तीसरी पाली-रात दस बजे से सुबह छह बजे तक- विजय कुमार-6287590559

– एनएमसीएच-0612-2630104

– वरीय नोडल पदाधिकारी-सुमित कुमार -6287590552, शुभम आर्य-6287590555

– पहली पाली- सुबह छह बजे से दो बजे तक- शशिभूषण कुमार -6287590560

– दूसरी पाली- दिन दो बजे से रात दस बजे तक-बालेंदू नारायण पांडेय- 6287590561

– तीसरी पाली-रात दस बजे से सुबह छह बजे तक-रवि प्रकाश गौतम -6287590562

PMCH व NMCH में कंट्रोल रूम

पीएमसीएच व एनएमसीएच में बनाये गये कंट्रोल रूम पर फोन कर भी कोरोना से संबंधित जानकारी या अस्पताल में भर्ती के लिए मदद ली जा सकती है. इन दोनों ही अस्पतालों में कंट्रोल रूम तीन पालियों में 24 घंटे काम कर रहा है. इसके लिए वरीय नोडल अधिकारी के रूप में आइएएस व आइपीएस अधिकारियों की तैनाती की गयी है. पालियों में वरीय उप समाहर्ता की ड्यूटी लगायी गयी है़.

होम क्वारेंटिन के दौरान अगर तबियत बिगड़े तो यहां भर्ती हो…

होम क्वारेंटिन में रहने के दौरान तबियत ज्यादा बिगड़ने पर पटना के तीन बड़े अस्पतालों एम्स, पीएमसीएच व एम्स में भर्ती होकर अपना इलाज कराने की सुविधा उपलब्ध है.

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

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