Jharkhand News, most venomous snake in Jharkhand, Species, Cobra, Krait : घने जंगलों से भरपूर झारखंड (Jharkhand) में वैसे तो कई तरह के सांप (Snake) पाए जाते हैं. लेकिन, इनमें से कुछ सांप काफी खतरनाक (most venomous snake) भी है. जिनमें कुछ की दवा भी नहीं बन पाई है, तो कुछ किसानों के लिए लाभदायक और कुछ बिना विष के सांप (Snake Poison) भी है. हालांकि, सबसे सतर्क रहने की जरूरत है. आइये जानते है नागपंचमी के शुभ अवसर पर झारखंड में पाए जाने वाले सांपों के प्रजाति (Snake Species) के बारे में क्या कहते हैं इस मामले के जानकार और झारखंड वन्यजीव संरक्षणवादी (Snake Expert & Wildlife Conservationist) के अध्यक्ष रमेश कुमार महतो..
कॉमन करैत (Common Krait) : कॉमन करैत भारत का सबसे खतरनाक विषैला सांप है. यह झारखंड में भी पाया जाता है. बंगारस, प्रजाति का पाया जाने वाले कॉमन करैत को ब्लू करैत के नाम से भी जाना जाता है. इसकी औसतन लंबाई 4.5 फीट होती है लेकिन, झारखंड में यह करीब 5 फीट 11 इंच तक पाया गया है. इसके दांत बेहद छोटे होते है. यही कारण है कि लोगों को पता भी नहीं चल पाता कि उसे किसी सांप ने डसा भी है. जिसके कारण सबसे ज्यादा मौतें इसी के काटने से होती हैं. एक मच्छर के डंक की तरह ही इसका दर्द होता है. यही कारण है कि इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है. रमेश बताते है कि इसका जहर कोबरा के विष से सात गुणा ज्यादा जहरीला होता है. घर में काट के मरने वालों के सबसे ज्यादा केस इसी सांप के सामने आते है.
रसेल वाइपर (Russell Viper) : अजगर की तरह दिखने वाले इस सांप की लंबाई आमतौर पर थोड़ी छोटी होती है. लेकिन, भारत में कहीं-कहीं यह छह फीट तक हो होता है. इसकी औसतन लंबाई चार से साढ़े चार फीट होती है. झारखंड में पाये जाने वाले जहरीले व खतरनाक सांपों में इसका नंबर दूसरे स्थान पर आता है. रमेश बताते हैं कि झारखंड में यह सर्वाधिक पाया जाता है. यह भारत के अलावा नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार, बंग्लादेश व पाकिस्तान जैसे देशों में भी पाया जाता हैं. यह किसानों के लिए आफत से कम नहीं है. खेत में सांप के काट के मरने वालों में सबसे ज्यादा केस इसे सांप के आते है.
कोबरा (Cobra) : हिन्दु धर्म में इस प्रजाति का अलग ही महत्व है. इसकी पूजा की जाती है. काले रंग में पाये जाने वाले कोबरा की औसतन लंबाई 5-7 फीट तक होती है. जबकि, किंग कोबरा की कुल लंबाई 15-18 फीट तक हो सकती है. किंग कोबरा का अभी तक कोई एंटी वायरल भी नहीं बन पाया है. हालांकि, यह झारखंड में नहीं पाया जाता है. जबकि, आम कोबरा को झारखंड में नाजा के नाम से भी जाना जाता है और देशभर में यह काला नाग के नाम से प्रसिद्ध है. रमेश बताते हैं कि इसके काटने से कम डर से ज्यादा लोगों की मौत होती है. विषैला के मामले में यह झारखंड में पाए जाने सांपों में तीसरे नंबर पर आता है. ज्यादातर यह डिफेंसिव मोड में होता है. रमेश बताते हैं कि यह सबसे समझदार सांपों में से एक होता है. कभी पहले खुद से हमला नहीं करता है. इसे सबसे फूर्तिला भी माना गया है.
बैंडेड करैत (Banded Krait) : करैत प्रजाति का ही है कॉमन और बैंडेड करैत. दोनों के चाल-चलन व गुण-अवगुण एक जैसे ही है. झारखंड में यह सबसे अधिक मात्रा में पाया जाने वाला जहरीला सांप है. हालांकि, यह कॉमन करैत से थोड़ा सा भिन्न और खतरानक भी है. आमतौर पर यह काले-पीले रंग में पाया जाता है. जिसका अभी तक देश में कोई एंटी वायरल दवा भी नहीं बन पाया है. इसके काटने से मौत तय है.
पिट वाईपर (Pit Viper) : ग्रीन पीट वाईपर भी झारखंड में पाए जाने वाले जहरीले सांपों में शुमार है. हालांकि, इससे काटने से मौत के मामले बहुत कम आते हैं. रमेश बताते हैं कि आमतौर पर यह जंगलों में या बारिश जहां होता है वहां पाए जाते हैं. या तो यह केले के पौधे या झाड़ीनुमा पौधे में पाए जाते हैं. इससे मौत के मामले इसलिए कम आते हैं क्योंकि यह आमतौर पर धरती से करीब 4-5 फीट की उंचाई पर ही रहना पसंद करता है. इसकी औसतन लंबाई साढ़े चार से छह फीट तक हो सकती है. इसकी दांत की लंबाई कोबरा से अधिक होती है.
कॉमन कैट स्नेक (Common Cat Snake) : कॉमन कैट स्नेक हल्की विषैली सांप होती है. इसकी लंबाई साढ़े तीन से चार फीट तक हो सकता है. यह आमतौर पर ह्यूमन कॉलोनी के आसपास भी पाया जाता है.
फोर्स्टन कैट स्नेक (Forsten Cat Snake) : फोर्स्टन कैट स्नेक कॉमन कैट स्नेक के प्रजाति का ही सांप है. दोनों शांत स्वभाव का सांप है. यह जल्दी बाइट नहीं करता है. इसकी लंबाई 6 फीट तक हो सकती है. यह भी कोबरा, करैत से थोड़ा कम जहरीला होता है. यह जंगह में ही पाया जाता है.
रैट स्नेक या धामन सांप (Rat Snake) : रैट स्नेक की कुल लंबाई सात-आठ फीट से भी ज्यादा हो सकती है. हालांकि, यह विषैला नहीं होता है. किसानों के लिए बेहद लाभकारी है यह सांप. जो आमतौर पर खेतों को बर्बाद करने वाले चूहों का शिकार करता है. यह काफी फूर्तिला होता है जो काटते ही चंद सेकेंड में आंखों से ओझल हो जाता है. हालांकि, इसके काटने के बाद टेटनस का इंजेक्शन ले लेना चाहिए.
ढोर सांप (Water Snake or Checkered Keelback) : वॉटर स्नेक के नाम से प्रसिद्ध ढोर सांप की औसतन लंबाई आमतौर पर ज्यादा नहीं होती है. मानसून में यह ज्यादातर किड़े-मकौड़े को खाने बाहर आते है. यह बिल्कुल भी विषैला नहीं होता है.
Posted By : Sumit Kumar Verma
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.