रांची : झारखंड मुक्ति मोर्चा ने गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे की एमबीए व पीएचडी की डिग्री पर सवाल उठाया है. पार्टी ने भारत निर्वाचन आयोग से इसकी जांच करने की मांग की है. लोकसभा अध्यक्ष से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है. झामुमो के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि देवघर के सदर थाना में सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ शिकायतवाद दायर किया गया.
इसमें कहा गया है कि सांसद निशिकांत दुबे की एमबीए की डिग्री फर्जी है और वह अपने नाम के आगे जो डॉक्टर की उपाधि लगाते हैं, वह भी फर्जी है. झामुमो प्रवक्ता ने कहा कि सांसद निशिकांत दुबे वर्ष 1993 में यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली से पार्ट टाइम एमबीए की डिग्री होने का दावा करते हैं. जबकि, दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा है कि 1993 बैच में इस नाम का कोई व्यक्ति दिल्ली यूनिवर्सिटी में नहीं आया था. यह सीधे-सीधे धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा का मामला है.
श्री भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि भाजपा में ऐसे दर्जनों लोग हैं, जिन्होंने अपने शैक्षणिक योग्यता को लेकर फर्जी दावे किये हैं. इसमें केंद्रीय मंत्री तक शामिल हैं. भाजपा के फायर ब्रांड नेता सभी व्यक्तिगत तौर पर फर्जी लोग होते हैं. इसका उदाहरण दिल्ली के कपिल मिश्रा भी हैं. ये जेल गये और इनकी विधायकी भी चली गयी. ऐसे फर्जी लोग राजनीति में अपने गलत कामों को छिपाने के लिए आते हैं.
उन्होंने कहा पूर्व में भी डॉ निशिकांत दुबे ने जिस प्रकार से तीन करोड़ नगद देकर पवित्र जमीन की खरीद फरोख्त की, उसकी भी गहन जांच होनी चाहिए. श्री भट्टाचार्य ने कहा की गोरखपुर निवासी बृजेंद्र कुमार पांडेय की ओर से आरटीआइ के तहत मांगी गयी सूचना से डॉ निशिकांत दुबे के डिग्री का मामला प्रकाश में आया है.
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झामुमो ने भारत निर्वाचन आयोग से की जांच की मांग, भाजपा के अन्य नेताओं को भी घेरा
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डॉ निशिकांत दुबे द्वारा तीन करोड़ में खरीदी गयी जमीन के मामले की भी जांच की मांग की
आरटीआइ करनेवाले ने ही दस्तावेज को बताया है फर्जी : निशिकांत दुबे – झामुमो की ओर से लगाये गये आरोप पर सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि जिस बृजेंद्र कुमार पांडेय के आरटीआइ को लेकर उन पर आरोप लगाये जा रहे हैं, वह फर्जी है. इसको लेकर आरटीआइ करनेवाले बृजेंद्र कुमार पांडेय ने वर्ष 2017 में गोरखपुर में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें कहा गया है कि उन्होंने इस प्रकार का न तो कोई आरटीआइ किया है और न ही कोई दिल्ली यूनिवर्सिटी से दस्तावेज आया है. उनके नाम से फर्जी दस्तावेज घुमाया जा रहा है. ऐसा करनेवाले को जेल भेजा जाये.
Post by : Pritish Sahay