नयी दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनिसेफ ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत में हाल ही में आयी बाढ़ के कारण लगभग 24 लाख बच्चे प्रभावित हुए हैं. संस्था ने कहा कि बाढ़ से उपजी चुनौतियों का सामना करने के लिए त्वरित सहायता, अतिरिक्त संसाधनों और नये उपाय करने की जरूरत है.
एक वक्तव्य में यूनिसेफ ने कहा कि हालांकि बाढ़ हर साल आती है लेकिन जुलाई के मध्य में इतने बड़े स्तर पर बाढ़ आना असामान्य बात है. वक्तव्य के अनुसार, भारत में बिहार, असम, ओडिशा, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में 60 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं जिनमें 24 लाख बच्चे शामिल हैं.
यूनिसेफ ने कहा कि वह त्वरित और प्रभावी रूप से प्रतिक्रिया देने के लिए सरकार और सहयोगियों के साथ काम कर रही है. वक्तव्य के अनुसार यूनिसेफ ने यह भी कहा कि वह कोविड-19 राहत शिविर प्रबंधन के दिशा निर्देशों को लागू करवाने के लिए असम सरकार की भी सहायता कर रही है. संस्था बहुत से राज्यों में मातृत्व और बाल स्वास्थ्य सेवा पर भी ध्यान दे रही है.
यूनिसेफ ने कहा कि कई सप्ताह तक तूफानी मानसूनी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन होने से बांग्लादेश, भारत और नेपाल में लाखों बच्चे और परिवार प्रभावित हुए हैं. दक्षिण एशिया के लिए यूनिसेफ की क्षेत्रीय निदेशक जीन गफ ने कहा, ऐसे मौसम द्वारा लाई गई तबाही से यह क्षेत्र भली भांति परिचित होने के बावजूद हाल ही में भारी मानसूनी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से बच्चों और उनके परिवारों की दुनिया उजड़ गई है.
Also Read: सुपौल में कोसी के तेवर नरम, कटिहार में महानंदा का घटता-बढ़ता रहा जलस्तर, गंगा, बरंडी व कोसी उफान पर
उन्होंने कहा, कोविड-19 महामारी और इसकी रोकथाम के लिए भी उपाय करने जरूरी हैं इसलिए समस्या और विकट हो गई है क्योंकि बहुत से प्रभावित क्षेत्रों में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.