Jharkhand news, Ranchi news : रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार (23 जुलाई, 2020) को मोरहाबादी स्थित बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम में अंडर-17 फीफा वर्ल्ड कप 2021 के लिए चयनित फुटबॉल खिलाड़ियों से मिल कर उनका उत्साहवर्धन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि झारखंड में फुटबॉल संस्कृति के निर्माण का आगाज हुआ है. ये बेटियां आज झारखंड का गौरव है. कोरोना संक्रमण के इस दौर में इन बेटियों ने जबरदस्त साहस और धैर्य दिखायी है.
मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने कहा कि अब राज्य सरकार की जिम्मेवारी है कि उनके सपनों को साकार करने के लिए उन्हें जरूरी सुविधाएं तथा मार्गदर्शन दिया जाये. उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार इन खिलाड़ियों को हर संसाधन उपलब्ध करायेगी, ताकि ये बेटियां वर्ल्ड कप के दौरान देश का प्रतिनिधित्व कर झारखंड का मान बढ़ा सकें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में होनहार खिलाड़ियों की कमी नहीं है. राज्य के खिलाड़ियों ने सीमित संसाधनों में देश एवं राज्य का नाम रोशन किया है. खेल को वर्तमान सरकार बढ़ावा देगी. खेल नीति भी तैयार की जा रही है, जिससे वर्तमान खिलाड़ी, आने-वाले खिलाड़ी और पूर्व खिलाड़ी लाभान्वित होंगे.
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अंडर-17 फीफा वर्ल्ड कप के लिए चयनित पूर्णिमा मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहती हैं कि कोरोना संक्रमण के इस दौर में भले ही गोवा में हमारा प्रशिक्षण प्रभावित हुआ और खाने की समस्या भी आयी, लेकिन यहां बेहतर प्रशिक्षण मिल रहा है. पूर्णिमा कहती हैं कि मैं गुमला से आती हूं और मेरे गांव में लड़कियों को फुटबॉल खेलने का चलन नहीं था, बावजूद इसके मैंने खेला. 3 साल से फुटबॉल खेल रही हूं.
अगले वर्ष फरवरी-मार्च महीने में प्रायोजित फीफा वर्ल्ड कप 2021 में राज्य की 8 खिलाड़ी शामिल थीं. ये सभी तैयारी के लिए गोवा में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही थी. लेकिन, कोरोना संक्रमण के कारण अंडर -17 महिला फुटबॉल खिलाड़ियों के दल में शामिल झारखंड की 6 महिला खिलाड़ी अपने घर वापस लौट आयी. ये सभी अंडर-17 महिला वर्ल्ड कप खिलाड़ियों की संभावित 26 सदस्य टीम का हिस्सा हैं.
मुख्यमंत्री ने इन लड़कियों को सहयोग प्रदान करने के लिए खेल विभाग की ओर से फुटबॉल किट एवं यूनिसेफ की ओर टी शर्ट्स प्रदान किया. यूनिसेफ ने चैंपियन आफ चेंज फॉर चाइल्ड राइट्स के रूप में चयनित खिलाड़ियों को अपने साथ जोड़ा है. यूनिसेफ इन्हें बाल अधिकारों, किशोर-किशोरियों के मुद्दों, समुचित पोषण की आवश्यकता, माहवारी, स्वच्छता, मानसिक स्वास्थ्य एवं मनोसामाजिक परामर्श आदि मुद्दों पर सरकार को दिये जाने वाले तकनीकी सहयोग के रूप में प्रशिक्षित करेगा.
Posted By : Samir ranjan.