पटना : बिहार में बाढ़ के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. कोरोना संक्रमण के खौफ के कारण बाढ़ पीड़ितों की परेशानी और बढ़ गयी है. लोग एक ओर घर खेत बहने से दुखी हैं तो दूसरी ओर कोरोना ग्रस्त होने के डर से सहमे हुए है. उत्तर बिहार में बाढ़ में बहने का डर और कोरोना के खौफ के बीच गुजर रही है करीब सात लाख लोगों की जिंदगी. प्रशासन का दावा अपनी जगह है, लेकिन हकीकत यही है कि तटबंधों पर पनाह ले चुकी राज्य की बड़ी आबादी प्रशासन से राहत मिलने का इंतजार कर रही है.
इधर, तमाम नदियां खतरे से ऊपर बह रही हैं. राज्य के करीब 10 जिले अब तक बाढग्रस्त हो चुके हैं. दर्जन भर से अधिक छोटे बड़े बांध के टूटने से अब तक करीब सात लाख लोग बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं. प्रशासन का दावा है कि अब तक लगभग 19 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर लाया जा चुका है. कोरोना को देखते हुए इस बार बाढ़ राहत शिविरों की संख्या में बढोतरी की जा रही है. बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि प्रशासनिक स्तर से अभी तक किसी भी तरह की मदद नहीं मिली है. गांव से बाहर निकलने के लिए नौका की भी व्यवस्था नहीं है, जिससे काफी परेशानी हो रही है. वैसे बिहार में बाढ़ के खतरे के मद्देनजर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 21 टीमों को 12 जिलों में तैनात किया गया है.
सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चंपारण, खगड़िया और भागलपुर जिलों में बाढ़ के हालात चिंताजनक बनते जा रहे हैं. बूढ़ी गंडक, बागमति और कोसी का इलाका सबसे ज्यादा प्रभावित है. गोपालगंज में वाल्मीकि नगर बराज से करीब साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी का बहाव शुरू हो गया है. यहां कल शाम से ही साढ़े चार लाख पानी के बहाव के बाद तटबंधो पर दबाव बढ़ने लगा है. सारण बांध और उसके समानान्तर बनाये गये रिंग बांध में जगह जगह रिसाव की खबरे भी आने लगी है.
कोसी और गंगा के जल स्तर बढ़ने के साथ-साथ अब दियारा इलाकों में लोगों की परेशानी बढ़ते ही जा रही है. एक तरफ निचले इलाके में फसल डूबने के साथ-साथ मवेशियों के लिए चारा संकट का हालात अब गहरा होता जा रहा है. मुजफ्फरपुर जिले में बागमती नदी खतरे के निशान को पार कर गयी है. बूढ़ी गंडक नदी में लगातार पानी बढ़ रहा है. बागमती के पानी से औराई, गायघाट व कटरा के कई गांव प्रभावित हो चुके हैं. बेनीबाद सड़क पर आवागमन ठप है. बागमती दक्षिणी तटबंध में जनार बांध चौक से करीब 200 मीटर पश्चिम रिसाव होने की खबर है. यहां ग्रामीण खुद रिसाव को बंद करने लगे रहे. रुनीसैदपुर क्षेत्र के अनंत बिशनपुर के निकट भी बागमती तटबंध में रिसाव की खबर है. रेत की बोरियों को रिसाव स्थल पर गिराया गया है.
भागलपुर जिले के विभिन्न प्रखंड नवगछिया, नाथनगर, कहलगांव, सबौर, पीरपैंती, सुल्तानगंज आदि के दियारा क्षेत्र में 23 हजार हेक्टेयर में लगी सब्जियों व मक्का की फसल बर्बाद होने की संभावना है. जिला कृषि विभाग की ओर से इसका सर्वे कराया जा रहा है. जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णकांत झा ने बताया कि इस बार डेढ़ से दो माह पहले ही गंगा का जलस्तर बढ़ गया. इससे दियारा क्षेत्रों में फसल की भारी क्षति हो रही है. संबंधित प्रखंड कृषि पदाधिकारियों को बाढ़ से डूबने वाले खेतों का सर्वेक्षण के निर्देश दिये गये हैं. क्षति का आकलन किया जा रहा है, ताकि इस रिपोर्ट के आधार पर किसानों को मुआवजा मिल सके.
बागमती व अघवारा समूह की नदियों तेजी से बढते जलस्तर के कारण मुजफ्फरपुर के कटरा प्रखंड के उत्तरी हिस्से के चौदह पंचायत के लगभग चार सौ घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. कटरा पीपा पुल व गंगेया पीपा पुल के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. इधर मनियारी में कदाने व नून नदी ने विकराल रूप ले लिया है.नदियों के तटवर्ती पंचायतों में इनके उफान से कइयों के आशियाने जल में विलीन हो गया है.अख्तियारपुर परेया पंचायत के 100 सौ ज्यादा परिवार इससे प्रभावित है. रघई मे विस्थापितों ने तटबंध पर शरण ले लिया है. चांदकेवारी , धरफरी , चकदेवरिया आदि गांव के सैकड़ों परिवार बांध पर आशियाना बना कर रह रहे है.
इधर , भागलपुर जिले से मिल रही सूचना के अनुसार लोकमानपुर में कोसी की बाढ़ से बुधवार को बिजली का पोल नदी में समा गया. इससे यहां बिजली आपूर्ति ठप हो गयी. पानी में तार पोल-तार गिर जाने से नाव परिचालन में खतरा उत्पन्न हो गया है. पंचायत के बालू टोला आजाद नगर सहित निचले इलाकों में तकरीबन 200 घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. भागलपुर के जल संसाधन विभाग के कैंप कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार कहलगांव में गंगा का जलस्तर एक बार नीचे जाने के बाद फिर धीरे-धीरे बढ़ने लगा है. चार घंटे पर एक सेमी की दर से जलस्तर बढ़ रहा है.
वैसे बिहपुर के हरियो पंचायत के कहारपुर, गोविंदपुर व आहुति में बाढ़ व कटाव से लोग त्रस्त हैं. कटाव के कारण गोविंदपुर के लोग एक माह पूर्व विस्थापित होकर तटबंध पर शरण लिए हुए हैं. सरकारी राहत के नाम पर गोविंदपुर के 106 परिवारों को सिर्फ प्लास्टिक शीट दी गयी है. जनप्रतिनिधियों का बाढ़ग्रसत इलाकों में दौरा शुरु हो गया है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने दरभंगा और मधुबनी का दौरा किया है. मुख्यमंत्री लगातार समीक्षा बैठक कर रहे हैं.
posted by ashish jha