Hariyali teej Aarti: हरियाली तीज का हिंदू धर्म में बेहतद खास त्योहार होता है. हरियाली तीज आज 23 जुलाई दिन गुरुवार को है. महिलाओं के लिए बड़े त्योहारों में से हरियाली तीज भी एक है. इस दिन महिलाएं 16 शृंगार कर व्रत रखती है, और शिव-पार्वती जैसी जोड़ी पाने के लिए भगवान की पूजा करती हैं, इस दिन माता पार्वती की आरती करने के बाद ही पूजा संपन्न मानी जाती है.
सावन माह बेहद खूबसूरत और हरियाली से भरा होता है और इस महीने में पड़ने वाला हरियाली तीज भी भगवान शिव और माता पार्वती से ही संबंधित होता है. हरियाली तीज में माता पार्वती यानी गौरा और शिव जी की पूजा विशेष रूप से की जाती है. इस दिन महिलाएं शृंगार कर हरी साड़ी और हरी चूड़ियां पहनती हैं. हरियाली तीज सावन में पड़ता है और यही कारण है कि इस दिन हरे रंग का विशेष महत्व होता है.
हरियाली तीज पर पर महिलाएं पति की लंबी आयु, खुशहाली, तरक्की और अच्छी सेहत के लिए माता पार्वती से प्रार्थना करती हैं. इस दिन मां की पूजा करने के बाद उनकी आरती करना बेहद जरूरी होता है तभी पूजा संपन्न मानी जाती है.
सावन में हरे रंग को पहनने का धार्मिक महत्व भी है. हरा रंग उर्वरा शक्ति का प्रतीक है. यानी संतान का धार्मिक ग्रंथों में बुध का रंग हरा माना गया है और बुध सौभाग्य, धन और संतान सुख देने वाला ग्रह है. इसलिए पार्वती माता की पूजा-अर्चना से पति के दीर्घायु होने की कामना के साथ ही संतान प्राप्ति की इच्छा भी पूरी होती है.
जय पार्वती माता जय पार्वती माता
ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल कदा दाता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।।
अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता।
जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता।।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा।।
देव वधु जहं गावत नृत्य कर ताथा।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।।
सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता।
हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता।।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।।
शुम्भ निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता।।
सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाथा।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।।
सृष्टि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता
नंदी भृंगी बीन लाही सारा मदमाता।।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
देवन अरज करत हम चित को लाता।।
गावत दे दे ताली मन में रंगराता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।।
श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता।
सदा सुखी रहता सुख संपति पाता।
जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता।।
सुबह उठने के बाद स्नान कर सोलह शृगार कर लें. इसके बाद पूजा स्थल को साफ कर मिट्टी के शिव-पार्वती और गणेश जी बनाएं और ‘उमामहेश्वरसायुज्य सिद्धये हरितालिका व्रतमहं करिष्ये’ मंत्र का जाप करें, इसके बाद थाली में पूजा की सारी सामग्री को रख लें औरा माता को अर्पण करें और भगवान शिव को वस्त्र अर्पित करें और इसके बाद मन में प्रार्थना कर भगवान से आर्शीवाद मांगे, इसके बाद तीज व्रत की कथा सुन कर मां पार्वती की आरती करें.
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