पटना : 16 वीं बिहार विधानसभा की बैठकों पर कोविड 19 का भी पूरा प्रभाव पड़ा है. सामान्य रूप से एक साल में औसतन होनेवाली 32-35 बैठकों की संख्या 2020 में कोविड के कारण आधी हो गयी है. कोविड के कारण इस वर्ष विधानसभा के सदस्यों को सरकार से अपनी क्षेत्र की समस्याओं के समाधान का कम अवसर मिला. बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी बताते हैं कि कोरोना नहीं आता, तो यह नौबत ही नहीं आती. सत्र की अवधि लंबी होती है तो उसका जस्टिफिकेशन भी होता है, पर देश में आपात की स्थिति बनी हुई है. इस दौरान कोई भी कार्य सामान्य तरीके से स्वीकार नहीं हो सकती.
कोरोना वायरस के कारण 16 वीं विधानसभा के बजट सत्र को बीच में ही स्थगित करना पड़ा. विधानसभा का 2020-21 का बजट सत्र 24 फरवरी को आरंभ हुआ था. उस समय तक बिहार में कोरोना ने दस्तक नहीं दी थी. यह सत्र 31 मार्च तक चलना था. मार्च के आरंभ में देश में कोरोना की बढ़ती संख्या और सामाजिक दूरी को लेकर जारी गाइडलाइन को देखते हुए बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने 16 मार्च को कार्यमंत्रणा समिति की बैठक बुलाकर सत्र को 17 मार्च से स्थगित करने का निर्णय लिया. 16 मार्च को बैठक के आरंभिक संबोधन में ही विधानसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से कार्यमंत्रणा समिति की बैठक के निर्णय से अवगत कराया और उसपर आम सहमति ली. ऐसे में इस सत्र में सिर्फ 11 बैठकें हुईं.
अब बिहार विधानसभा का 16 वां सत्र या माॅनसून सत्र आरंभ होना है. यह सत्र तीन अगस्त से प्रस्तावित है. छह अगस्त तक चलनेवाले इस सत्र में चार बैठकें होंगी. इस तरह से वर्ष 2020 में विधानसभा की कुल 16 बैठकें ही हो पायेंगी. विधानसभा का यह सत्र कोरोना के कारण सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए विधानसभा के सेंट्रल हॉल में आयोजित की जायेगी. इसके पूर्व देखा जाये, तो वर्ष 2016 में विधानसभा की कुल 35 बैठकें हुईं थीं, जबकि 2017 में भी विधानसभा की 35 बैठकें हुईं. वर्ष 2018 में विधानसभा की 32 बैठकें हुईं, तो 2019 में विधानसभा की 33 बैठकें . इस वर्ष बिहार विधानसभा का आम चुनाव भी होना है. ऐसे में नवंबर में होनेवाला शीतकालीन सत्र नहीं होगा.