India China Tension : सीमा पर चीन के साथ तनाव के बीच भारतीय सेना ने ठंड के लिए जरूरी रसद बॉर्डर पर जुटाना शुरू कर दिया है. सेना इसबार अधिक रसद जुटाकर रखेगी, जिससे किसी भी घटना के लिए तैयार रखा जाए. बता दें कि चीन से सटे सीमा पर ठंड में तापमान सबसे कम होती है, ऐसे में रसद अभी से सेना ने स्टॉक करना शुरू कर दिया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय सेना प्रत्येक साल तकरीबन 30 हजार मैट्रिक टन राशन स्टॉक रखती है, लेकिन इस बार यह संख्या दोगुनी कर दी गई है. सेना के कैंप में राशन और रसद पहुंचाने के प्रकिया शुरू हो गई है. सेना एक एक अधिकारी ने कहा कि पूर्व लद्दाख क्षेत्र में तापमान बहुत कम रहता है, ऐसे में वहां चुनौती अधिक है. हमने राशन स्टॉक करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है.
चीन तैनात कर रखा है 40 हजार जवान– बता दें कि तनाव के बाद से ही चीन सीमा पर से पीछे हटने का नाम नहीं ले रहा है. बीते दिनों चीनी सेना गलवान घाटी से पीछे जरूर हटी थी, लेकिन लद्दाख में अभी भी जमा है. न्यूज एजेंसी एनएनआई के हवाले से खबर है कि चीन लद्दाख सीमा पर अब भी अपनी सेना के साथ डटा हुआ है और वहां से वापस जाने का नाम नहीं ले रहा है. न्यूज एजेंसी के अनुसार लद्दाख मोर्चे पर अब भी 40,000 चीनी सैनिकों की तैनाती जारी है.
सेना हाई अलर्ट पर- चीन के साथ तनाव के बाद से ही तीनों सेनाओं को हाई अलर्ट पर रखा गया है. बुधवार कै भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध की प्रतिक्रिया में भारतीय वायुसेना द्वारा अग्रिम ठिकानों पर अपने संसाधनों की त्वरित तैनाती को लेकर भारतीय वायुसेना की सराहना करते कहा कि बालाकोट में उसके हमले और मौजूदा युद्धक तैयारियों ने विरोधियों को कड़ा संदेश दिया है.
गौरतलब है कि 15 जून की रात को भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प की घटना हुई थी, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गये थे. उस घटना में चीन को भी भारी नुकसान हुआ था, लेकिन ड्रैगन ने अपने नुकसान को दुनिया के सामने नहीं लाया. उस घटना के बाद से लद्दाख में दोनों देशों के बीच विवाद और भी गहरा गया था.
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Posted By : Avinish Kumar Mishra