नयी दिल्ली : भारत में कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और वे लगभग 12 लाख के करीब पहुंच गये हैं. ऐसे में सरकारी अस्पतालों पर बोझ बढ़ता जा रहा है और वहां बेड की कमी हो रही हैं. ऐसे में लोगों की निर्भरता निजी अस्पतालों पर बढ़ेगी. लेकिन निजी अस्पतालों में इलाज कराना आम आदमी के लिए कठिन होता है. चूंकि भारत में 80 प्रतिशत मामले ऐसे हैं जिनमें लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं या फिर बहुत ही मामूली लक्षण हैं. ऐसे लोगों को अस्पताल में भरती करने की जरूरत नहीं होती है.
ऐसे में आसीआईसीआई लोम्बार्ड जीआईसी ने एचसीएएच के साथ मिलकर हेल्थकेयर एट होम सेवा शुरू की है, जिसके तहत कोविड 19 के मरीजों को घर पर ही स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की जा रही है, जिसमें परामर्श,नर्सिंग,जांच, दवाइयां और कोई अतिरिक्त प्रीमियम नहीं की सुविधा दी जा रही है.
कोविड-19 ने घरेलू स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए बाजार का विस्तार किया है, घरेलू स्वास्थ्य सेवाओं की मांग करने वाले मरीजों की संख्या उसी अनुसार बढ़ेगी. इसके अलावा, महामारी के मद्देनज़र, स्वास्थ्य के बारे में अधिक चिंता और जागरूकता आयी है, और स्वास्थ्य बीमा नीतियों के बारे में पूछताछ में 30-40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इस महामारी ने बीमा कंपनियों को भी अवसर दिया है कि वे अधिक जागरूक जनता को विकसित करे और आवश्यकताओं के अनुसार नए बदलाव लाएं और सुविधाएं उपलब्ध करायें.
कईं बीमा कंपनियों ने आगे आकर अपनी स्वास्थ्य सेवा नीतियों में घरेलू स्वास्थ्य सेवा खंड को जोड़ा है. हाल ही में आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस ने अपनी मौजूदा स्वास्थ्य बीमा क्षतिपूर्ति नीतियों में कोरोनावायरस के उपचार से संबंधित लाभों को जोड़ा है. प्रमुख अस्पतालों के अलावा, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड ने शीर्ष घरेलु स्वास्थ्य सेवा प्रदाता हेल्थकेयर एट होम (एचसीएएच) के साथ करार किया है.
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हेल्थकेयर एटहोम (एचसीएएच) के सीओओ, डॉ. गौरव ठुकराल ने बताया कि आईसीआईसीआई लोम्बार्ड और जीआईसी के साथ हमारे हालिया करार ने बीमित रोगियों को बिना अतिरिक्त भुगतान के अतिरिक्त लाभ की पेशकश की है. इससे पॉलिसीधारक अपने स्वास्थ्य बीमा रक्षण से अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकेंगे. इस पेशकश के तहत, बीमित मरीज बीमा क्लेम/मुआवज़ा का लाभ उठाने के लिए अस्पताल में भर्ती होने के बजाय घर पर ही खुद का इलाज करा सकते हैं.
इससे उन मरीजों को काफी फायदा होगा, जो अस्पताल के बजाय अपने घर के सुरक्षित वातावरण में किसी बीमारी का इलाज कराना चाहते हैं. इससे सोशल डिस्टेंसिंग भी सुनिश्चित होगा और कोविड-19 के संक्रमण की आशंका भी कम होगी. यह उन मरीजों को लाभान्वित करने में बहुत ही सफल होगा जो घर पर ही स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त करना चाहते हैं और स्वास्थ्य बीमा चाहने वालों की संख्या बढ़ाने में भी सहायता मिलेगी. कोविड-19 के दौरान और उसके बाद, भारतीय घरेलू स्वास्थ्य सेवा उपयोगकर्ताओं के भी काफी बढ़ने की उम्मीद है.
Posted By : Rajneesh Anand
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