15.9 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कोरोना का वैक्सीन बनाने में जुटी ये 7 भारतीय कंपनियां, जानिए कौन किस स्टेज पर

कोरोना का वैक्सीन बनाने भारत की सीरम इंस्टीट्यूट, जॉयडस कैडिला, पैनेशिया बायोटेक, इंडियन इम्यूनोलॉजिक्स, मायनवैक्स और बायोलॉजिकल ई शामिल हैं. ये कंपनियां इस स्टेज पर काम कर रही है

दुनिया के कई देशों की तरह भारत की भी कई कंपनियां कोरोना का वैक्सीन बनाने में लगी हुई है, इसमें भारत की 7 कंपनियां शामिल हैं. इसे तैयार करने के लिए भारत की सीरम इंस्टीट्यूट, जॉयडस कैडिला, पैनेशिया बायोटेक, इंडियन इम्यूनोलॉजिक्स, मायनवैक्स और बायोलॉजिकल ई शामिल हैं. बता दें कि इस महामारी के चपेट में आने से दुनिया भर में 6 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी है. जबकि 1.4 करोड़ लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं.

हालांकि किसी बीमारी के टीका बनाने में या वैक्सीन बनाने में सालों लग जाते हैं लेकिन कोरोना के संक्रमण को देखते हुए कंपनियां इसे जल्द से जल्द तैयार करने में जुटी है, और वैज्ञानिक भी अगले कुछ महीने में इस वैक्सीन के आने की उम्मीद कर रहे हैं. बता दें कि भारत की को वैक्सीन पहले और दूसरे चरण की ट्रायल की परमिशन मिल चुकी है.

इसकी मैनुफैक्चरिंग कंपनी के हैदराबाद प्लांट में की जाएगी. एक और भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को भी पूरी उम्मीद है कि वह इस साल के अंत तक इस वायरस का टीका तैयार कर लेगी. सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदर पूनावाला ने इस बारे में बात करते हुए बताया है कि हम एस्ट्रजेनेका ऑक्सफोर्ड वैक्सीन पर काम कर रहे हैं, जिसका तीसरे चरण का क्लिनिकल टेस्ट चल रहा है. हम अगस्त, 2020 में भारत में ह्यूमन ट्रायल शुरू करेंगे. अभी तक क्लिनिकल ट्रायल को लेकर जो सूचना उपलब्ध है उसके आधार पर हमें उम्मीद है कि एस्ट्राजेनेका ऑक्सफोर्ड वैक्सीन इस साल के आखिर तक उपलब्ध होगी.

इस बीच एक और फर्मा कंपनी जॉयडस कैडिला ने कहा है कि उनका क्लीनिकल टेस्ट अगले 7 महीने में पूरी होने की उम्मीद है, जॉयडस कैडिला के चेयरमैन पंकज आर पटेल ने बयान में कहा कि स्टडी के नतीजों के बाद अगर डाटा पॉजिटिव रहता है और टेस्ट के दौरान वैक्सीन असरकारक साबित होता है तो टेस्ट पूरा करने और वैक्सीन उतारने में सात माह लगेंगे.

बता दें कि भारत बायोटेक नामक कंपनी ने पिछले सप्ताह ही रोहतक के परास्नातक चिकित्सा विज्ञान संस्थान में अपना कोवैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू कर दिया है. इस भारतीय कंपनी को भारत की ड्रग रेगुलेटर कंपनी ने सार्स-कोव-2 वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण की ट्रायल के लिए अनुमति दे दी है. इस कंपनी को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (NIV) का भी सहयोग मिला जिसके बदैलत वो इस मुकाम पर पहुंचने में सफल रही.

posted by : sameer oraon

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें