कटिहार: जिले में कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन के छठे दिन बारिश की वजह से पूरे दिन शहर में सन्नाटा पसरा रहा. शाम चार बजे के बाद लोग खरीदारी के लिए घरों से बाहर निकलें. जिसके कारण बाजार में काफी भीड़-भाड़ बढ़ गयी थी. इस दौरान बगैर मास्क लगाये लोगों की संख्या अधिक देखी गयी. साथ ही सोशल डिस्टैंसिंग की भी धज्जियां उड़ायी गयी. खासकर सब्जी मंडी व राशन की दुकानों में ज्यादा भीड़-भाड़ रही. लॉकडाउन के कारण छोटे से लेकर बड़े व्यवसायियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. छह दिनों से शहर में दुकानें बंद है. इससे व्यवसायी काफी परेशान है.
व्यवसायियों का कहना है कि कोरोना संकट ने हमलोगों की कमर की रीढ़ तोड़कर रख दी है. हालत इतनी बदतर हो रही है कि स्टाफ को पेमेंट करना मुश्किल हो रहा है. बिजली बिल भरने में परेशानी हो रही है. जिनका कारोबार अपने मकान के अंदर हो रहा है. उन्हें कुछ राहत है लेकिन वैसे दुकानदार या व्यवसायी किराये के मकान में है. उनको ज्यादा परेशानी हो रही है. महीना समाप्त होते ही मकान मालिक किराया लेने के लिए पहुंच जा रहा है. व्यवसाय नहीं होने के कारण किराया चुकाना तक संभव नहीं हो रहा है. बहुत सारे दुकान व व्यवसाय तो काफी महंगा किराया चुका रहे हैं. कटिहार में बड़े व्यवसायी बड़े-बड़े शोरूम, दुकान के लिए प्रतिमाह 50 हजार से एक लाख तक का किराया भुगतान कर रहे हैं.
जब बाजार की स्थिति ठीक थी तो उस समय किराया देने में कोई दिक्कत नहीं थी. लेकिन अभी व्यवसाय पूरी तरह से ठप होने के कारण किराया चुकाना सर दर्द के समान हो गया है. कई व्यवसायी तो किराये में दुकान के साथ उनका रहने का ठिकाना भी किराया का है. ऐसे में समझ सकते हैं कि उनके उपर दोहरी मार पड़ रही है. दुकान, व्यवसाय स्थल का किराया बगैर व्यवसाय किये चुकाने के बाद रूम का किराया भी चुकाना पड़ रहा है. व्यवसायियों का कहना है कि ऐसे कब तक चलेगा. यही स्थिति रही तो व्यवसाय को बंद करने के सिवा दूसरा कोई चारा नहीं है. व्यवसायियों का कहना है कि सरकार का हमारी समस्याआं की ओर कोई ध्यान नहीं है. व्यवसायी वर्ग लॉकडाउन के बीच कई समस्याओं के बीच फंसकर परेशान हो रहे हैं. पहले के ढाई महीने चले लॉकडाउन से उबर भी नहीं पाये थे कि पुन: दुबारा लॉकडाउन ने रही सही कसर भी पूरी कर दी है.
कोरोना संकट के बीच जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था हो गया है बेपटरी : कोरोना संकट के बीच जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी हो गयी है. खासकर गरीब तबके के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध होने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सदर अस्पताल में कई चिकित्सक, एएनएम, स्वास्थ्य कर्मचारियों के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद सदर अस्पताल में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल रही है. अस्पताल में भरंती मरीजों को चिकित्सक देखने तक नहीं जा रहे हैं. यही वजह रहा कि पिछले दिनों एक मरीज की मौत ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध नहीं होने के कारण मरीज की मौत हो गयी. मरीज के परिजनों ने आरोप लगाया कि चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी को मरीज के गंभीर होने तथा सांस लेने में हो रही तकलीफ के बारे में बताया गया. लेकिन चिकित्सक ने मरीज को देखने तक की जरूरत नहीं समझी.
यही वजह रहा कि मरीज की मौत हो गयी. दरअसल कोरोना संकट के बीच सदर अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को चिकित्सक अब देखने से परहेज करने लगे हैं. कई चिकित्सकों व एएनएम के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद चिकित्सक डर से मरीजों के निकट तक जाने से बच रहे हैं. यह स्थिति गंभीर मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो रही है. ओपीडी में भी काफी दूर में मरीज को खड़ा किया जाता है. चिकित्सक वहीं से मरीज का कष्ट जानकार पुर्जे पर दवा लिखकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ ले रहे हैं. इसमें भी यदि कोई मरीज कोरोना के लक्षण वाले आ गये तो उन्हें अस्पताल से बाहर कर दिया जाता है. उन्हें तुरंत कटिहार मेडिकल कॉलेज भेजने के फिराक में चिकित्सक रहते हैं. इस तरह की कई घटनाएं इन दिनों अस्पताल में हो रही है. पिछले दिनों एक युवक की स्थिति बिगड़ने पर रात में सदर अस्पताल लाया गया. सांस लेने में तकलीफ की बात सुनते ही चिकित्सक ने बाहर का रास्ता दिखा दिया. कहा यहां किसी तरह की इलाज की व्यवस्था नहीं है. ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग करने पर वह भी उपलब्ध नहीं कराया गया. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि सदर अस्पताल में जब मरीजों का इलाज ही नहीं होगा तो मरीज कहां जायें अपना इलाज कराने.
सदर अस्पताल में आज से कोरोना जांच हो जायेगा शुरू : सदर अस्पताल में कोरोना जांच केंद्र सोमवार से काम करना शुरू कर देगा. दरअसल कोरोना जांच केंद्र के 17 लैब टेक्नीशियन, क्लर्क, कर्मचारी, भंडारपाल, नोडल पदाधिकारी के एक साथ कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद यहां जांच का काम तीन दिनों के लिए बंद कर दिया गया था. लैब को सैनिटाइज करने के खातिर तीन दिनों तक बंद रखा गया. जिसके कारण प्रतिदिन दर्जनों कोरोना लक्षण वाले लोग कोरोना जांच कराने पहुंच रहे थे. लेकिन लैब बंद देख वापस लौट जाने को विवश हो रेह थे. तीन दिनों से कोरोना जांच नहीं होने के कारण कोरोना से मिलते जुलते लक्षण वाले लोगों की संख्या काफी हो गयी है. बड़ी तादाद में कोरोना जांच कराने के लिए सोमवार को सदर अस्पताल पहुंचेंगे. ऐसे में वहां सोशल डिस्टैंसिंग की समस्या भी पहले से होती रही है. लैब में काम कर रहे कर्मचारियों की मांग थी कि लैब के बार गार्ड की तैनाती किया जाय जो सोशल डिस्टैंसिंग का पालन कराने में सहायक सिद्ध होंगे. गौरतलब हो कि सदर अस्पताल में 29 मई से कोरोना जांच का काम शुरू किया गया है. अब तक करीब 5000 से अधिक लोगों को जांच किया जा चुका है. 500 से अधिक कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि जांच में हुई है.