मधेपुरा: रविवार को झमाझम बारिश ने शहर की सड़कों को पानी-पानी कर दिया है. जलजमाव की वजह से लोगों का मुख्य बाजार तो दूर मुहल्ले की सड़कों से गुजरना मुश्किल हो गया है. शहरी लोगों को प्रत्येक वर्ष ऐसी फजीहत झेलना मजबूरी बन गयी है. बावजूद सांसद, विधायक ही नहीं नगर परिषद के मुलाजिम उदासीन बने रहते है. जिले के आलाधिकारी रोजाना इस समस्या से रू-ब-रू होने के बावजूद योजनाओं के नाम पर आश्वासन की घुटी पिलाकर बात खत्म कर लेते है. पूर्व में नगर परिषद ने नप क्षेत्र के वार्डों में करोड़ों की राशि से नाला का निर्माण भी कराया. लेकिन क्या फायदा स्थिति में जरा सी सुधार नहीं हुई. नाला लोगों को सुविधा देने के बजाय दुख देने का कारण बन गयी है. घटिया सामग्री उपयोग किये जाने के कारण कई जगह नाला एवं उनके ढक्कन ध्वस्त पड़े है. शीघ्र ही नगर परिषद जलजमाव की समस्या को लेकर सख्त कदम नहीं उठाती है तो आने वाले समय में शहर के लोगों को बहुत परेशानी होगी.
जलजमाव के दिशा में कोई भी अधिकारी किसी भी तरह के पहल करने में असमर्थ : जिले के सभी वरीय अधिकारी से लेकर नगर परिषद के किसी भी अधिकारी की नजर ओर नहीं जा रही है. मधेपुरा में मेडिल कॉलेज, रेल इंजन कारखाना एवं इंजीनियरिंग कॉलेज होने के बावजूद मधेपुरा की पहचान सड़कों पर जलजमाव एवं कीचड़ रह गयी है. खास बात यह है कि जिले के कई साहबों के कार्यालय के परिसर में जलजमाव की स्थिति बनी हुई है. जलजमाव के दिशा में कोई भी अधिकारी किसी भी तरह के पहल करने में असर्मथ दिख रहे है. थोड़ी सी बारिश होने पर जिला मुख्यालय के मुख्य बाजार के सड़क किनारे स्थित सदर अनुमंडल कार्यालय में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. कार्यालय आने जाने वाले लोगों एवं कर्मियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बारिश के दिनों में हाथों में चप्पल लेकर कार्यालय जाते हुये लो दिख जाते है.
पैदल चलना हुआ दूभर : बारिश के बाद शहर की मुख्य व गली मोहल्ले की सड़कों पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. खासकर पूर्वी बायपास रोड में सड़क पर बन आये गड्डों में जलजमाव होने की वजह से वाहन चालकों को भी परेशानी हो रही है. राहगीर भी किचर के बीच से आवाजाही करने को मजबूर हो रहे है. सड़क पर जलजमाव के कारण सुबह-सुबह सैर सपाटा के लिए निकलने वाले लोगों को काफी परेशानी हुई. लोगों ने बताया कि जलभराव के कारण गड्डों का अनुमान नहीं लगने पर हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है.
जलनिकासी की नहीं है व्यवस्था : थोड़ी सी बारिश से भी नगर परिषद के जलनिकासी व्यवस्था की पोल खोल कर रख देती है. शहर में ड्रेनेज सिस्टम नहीं बनने के कारण नाला में जलभराव की स्थिति बनी रहती है. जो बारिश के बाद सड़क के गंदगी के साथ मिल कर तैरने लगती है. कमोबेश शहर की सभी सड़कों की हालत खराब है. शहर के पानी टंकी चौक, अस्पताल, कर्पुरी चौक के पास जलजमाव हो जाने से दिक्कत होती है. जगजीवन पथ, रेलवे ढाला, कर्पूरी चौक, भिरखी मुहल्ला, जीवन सदन, सुभाष चौक, पूर्णिया गोला चौक समेत विभिन्न जगह पर जल जमाव हो जाता है. भिरखी, पूर्णिया गोला चौक पर होकर गुजरे सैकड़ों बाइक में से दर्जनों बाइक चालक गिर कर चौटिल हो जाते है. शहर में पानी टंकी चौक के पास, सदर अस्पताल के निकट मुख्य सड़क पर, थाना गेट के पास समेत अन्य जगहों पर बारिश खत्म होने के बाद भी करीब पंद्रह दिन लगते हैं. इस बीच अगर फिर से बारिश हो गयी तो लोगों को फिर अगले पंद्रह दिन का इंतजार करना पड़ता है.
सब्जी मंडी में जलजमाव से विक्रेता है परेशान : बारिश से सब्जी मंडी में जलजमाव व कीचड़ से नारकीय स्थिति हो गई है. सब्जी दुकानदारों व ग्राहकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. मुख्य बाजार में जाम की स्तिथि बन जाने के कारण प्रशासन के निर्देश पर नप प्रशासन द्वारा मुख्य बाजार से सब्जीमंडी हटाकर पानी टंकी में लगाया गया था. सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि नगर परिषद के द्वारा मिट्टी भरा दिया जायेगा तो काफी मुश्किलों से निदारत मिल जायेगी. जलजमाव के कारण ग्राहक नहीं आते है जिससे काफी सब्जी खराब हो जा रही है. इस कारण लागत पैसा भी वसूल नहीं हो पा रहा है. विक्रेताओं ने कहा कि एक तो कोरोना वायरस के वजह से पहले ही समस्या उत्पन्न हो रही है और उपर से मंडी में जलजमाव की स्थिति के कारण सब्जी दुकान ठीक से चल नहीं पा रही है. लोग पानी में तैर कर सब्जी खरीदने नहीं आ रहे है. सड़क की पानी भी सब्जी मंडी में आ रही है. वही उनलोगों ने जिला प्रशासन से इस स्थिति से राहत करने की मांग की है.