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नियम विरुद्ध निर्माण करनेवाले विभाग से क्षतिपूर्ति लेने का निर्देश

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दुमका में वन भूमि पर निर्माण के कारण हुई पर्यावरण क्षति का आकलन करने का निर्देश वन विभाग को दिया है. तीन माह में आकलन कर निर्माण करनेवाले विभाग से क्षतिपूर्ति का दावा किया जाना है.

रांची : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दुमका में वन भूमि पर निर्माण के कारण हुई पर्यावरण क्षति का आकलन करने का निर्देश वन विभाग को दिया है. तीन माह में आकलन कर निर्माण करनेवाले विभाग से क्षतिपूर्ति का दावा किया जाना है. दरअसल एनजीटी, दुमका में राजभवन सहित कई महत्वपूर्ण भवनों का निर्माण वन भूमि पर बिना अनुमति कर दिये जाने की सुनवाई कर रहा है.

इस संबंध में रामलखन सिंह ने एनजीटी में मामला दायर किया है. इसकी सुनवाई अभी वीडियो कांफ्रेंसिंग से हो रही है. 15 जुलाई को इसकी सुनवाई जस्टिस एसपी वांगडी और विशेषज्ञ सदस्य डॉ नगिना नंदा ने की. एनजीटी ने वन भूमि पर हो रहे अतिक्रमण को हटाने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है. ट्रिब्यूनल ने भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को निर्देश दिया है कि पूर्व में जो भवन वन भूमि पर बन गये थे, उसको जल्द नियमित कर दें.

वहीं प्रधान मुख्य वन संरक्षक को निर्देश दिया गया कि वन भूमि पर बने भवनों के कारण हुए पर्यावरण नुकसान का आकलन कर तीन माह में वसूली करें. जो अधिकारी इन कार्यों को पूरा नहीं करेंगे, उनका उत्तरदायित्व तय करने को कहा गया है. संबंधित विभागों को 19 अक्तूबर तक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है.

दुमका में वनभूमि पर बने हैं कई सरकारी भवन : दुमका में वन भूमि पर बनाये गये कई भवनों का स्टेज-1 क्लियर हो गया है. इनमें राजभवन, मजिस्ट्रेट कॉलोनी, पुलिस लाइन, डीआइजी आवास व आउटडोर स्टेडियम शामिल है. वहीं गर्ल्स हॉस्टल का स्टेज-2 भी क्लियर है.

Post by : Pritish Sahay

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