पिठौरागढ़ : उत्तराखंड, पिठौरागढ़ के धारचूला में स्थित भारत और नेपाल को जोड़ने वाले झूला पुल को शनिवार को 30 मिनट के लिए खोला गया. इस दौरान भारत में फंसे नेपाल के लोग वापस गये और नेपाल से कुछ भारतीय वापस अपने देश लौटे. इसके अलावा नेपाल के कुछ लोग इलाज के सिलसिले में भारत आए. यह जानकारी बीएसएफ के एक अधिकारी ने दी. भारत-नेपाल विवाद के बीच इस पुल पर आवागमन बंद है.
अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि स्थानीय प्रशासन की अनुमति के बाद कई दिनों से बंद धारचूला का झूला पुल आज 30 मिनट के लिए खोला गया. पुल खुलने के बाद भारत में फंसे 14 नेपाली नागरिक वापस चले गये और 13 भारतीय वापस अपने देश लौट आए. साथ ही कुछ लोग इलाज कराने के लिए नेपाल से भारत आये. इसके बाद फिर पुल को बंद कर दिया गया.
आपको बता दें कि उत्तराखंड के पिठौरागढ़ में स्थित धारचूला का यह पुल भारत और नेपाल के लिए अहम माना जाता है. पुल के दोनों ओर रहने वाले लोगों के बीच गहरे संबंध हैं. दोनों ओर के लोगों के बीच शादियां भी होती हैं. इसी महीने इस पुल को एक शादी के लिए 15 मिनट के लिए खोला गया था. 15 मिनट में ही बारात नेपाल पहुंचकर शादी की रश्म पूरी कर दुल्हन लेकर भारत लौट आयी.
Uttarakhand: Suspension bridge in Dharchula, connecting India and Nepal, opened for 30 minutes today following local admn's permission. BSF personnel say, "14 stranded Nepali nationals went back and 13 Indians returned. Some patients also came to this side for their treatment." pic.twitter.com/fgttdWZTNp
— ANI (@ANI) July 18, 2020
15 जुलाई को जिबी गांव का एक दूल्हा अपनी नवविवाहिता नेपाली पत्नी को यहां लाया और उसका गर्मजोशी से स्वागत हुआ. धारचूला के उपजिलाधिकारी एके शुक्ला ने बताया कि काली नदी पर बने सीमा पुल के माध्यम से भारत में प्रवेश करते ही धारचूला में भारतीय सुरक्षाकर्मियों ने दंपत्ति का स्वागत किया. अधिकारी ने कहा, ‘दोनों देशों के प्रशासन ने नवविवाहित जोड़े के भारत में प्रवेश के लिए पुल के फाटक खोल दिये. यहां दुल्हन के ससुराल वाले रहते हैं.’
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पिथौरागढ़ के पास जिबी गांव के निवासी कमलेश चंद ने नेपाल के दारचूला जिले के धुलकोट गांव के तिग्राम की बेटी राधिका से शादी की है. कमलेश चंद ने कहा, ‘हमें बहुत कम समय के लिए नेपाल में प्रवेश करने की अनुमति मिली जिसके बाद हम वहां गये और शादी करने के तुरंत बाद लौट आये.’ उत्तराखंड में भारत-नेपाल सीमा के दोनों ओर स्थित गांवों के निवासियों के बीच एक दूसरे के साथ करीबी पारिवारिक संबंध हैं.
Posted By: Amlesh Nandan Sinha.