भागलपुर : उद्घाटन के दूसरे दिन ही बरारी घाट स्थित विद्युत शवदाह गृह की व्यवस्था पर सवाल लग गया. दूसरे दिन एक भी अंतिम संस्कार नहीं हुआ. इसके पीछे कारण रसीद का नहीं होना बताया गया. जानकारी के अनुसार शहर के एक बड़े अधिकारी के अंतिम संस्कार में आयी परेशानी और उस मामले के संज्ञान में आने के बाद प्रभारी जिलाधिकारी ने नगर निगम को तत्काल विद्युत शवदाह गृह को चालू करने बुधवार को निर्देश दिया.
निर्देश के आलोक में निगम ने गुरुवार को शवदाह गृह को चालू कर दिया. छह कर्मचारियों को वहां तैनात भी किया गया. यह भी दावा किया गया कि 24 घंटे शवदाह गृह चालू रहेगा. पर तमाम दावा के बाद भी सिर्फ एक दिन बाद शुक्रवार को वहां एक भी अंतिम संस्कार नहीं हुआ. कारण बना रसीद का नहीं होना. दरअसल बिना रसीद के अंतिम संस्कार करने पर मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने में परेशानी आती, इस कारण लोगों ने रसीद की मांग की, पर रसीद नहीं होने के कारण उन्हें कहा गया कि रजिस्टर पर नाम दर्ज होगा, बाद में रसीद मिलेगा. इस पर लोग नहीं मान रहे थे.
लोगों का तर्क था कि इस लॉक डाउन में दूरी से आया आदमी फिर कैसे आयेगा रसीद लेने और फिर रसीद नहीं दिया गया तो वह क्या करेगा. बता दें कि पहले दिन भी अंतिम संस्कार के बाद परिजनों को रसीद नहीं मिला था. बस उनके नाम रजिस्टर में अंकित कर बाद में आने के लिए कहा गया था.
बुडको ने शवदाह गृह को चालू कर निगम को कई दिन पहले हैंडओवर कर दिया था. पर इसको लेकर निगम की गंभीरता नहीं दिखी. चालू कराने को भी कोई तैयार नहीं था. इस कारण रसीद और अन्य जरूरी तैयारी नहीं की गयी थी. इसी वजह से परेशानी हुई है. अगर जिलाधिकारी की ओर से पहल नहीं होती तो शायद अब भी विद्युत शवदाह गृह बंद ही रहता.
शवदाह गृह चालू होने के दौरान गुरुवार को उप नगर आयुक्त सतेंद्र प्रसाद वर्मा ने कहा था कि अब 24 घंटे यह चालू रहेगा और कोई दिक्कत नहीं होगी. फी के संबंध में कहा था कि जल्द उसकी घोषणा हो जायेगी. अब जब कि रसीद का मामला सामने आ गया है तो उप नगर आयुक्त का दावा है कि एक-दो दिन में रसीद उपलब्ध करा दिया जायेगा. और भी कई व्यवस्था की जायेगी.