कटिहार: कोरोना संक्रमण के बढ़ते आंकड़े को देखते हुए राज्य सरकार ने पूरे राज्य में 16 से 31 जुलाई तक के लिए लॉकडाउन लगा दिया है. लॉकडाउन का मकसद है कि लोग घर पर रहे और इस संक्रमण के बढ़ते रफ्तार को रोका जा सके. लेकिन सरकार के लगाये गये राज्य में लॉकडाउन के पहले दिन ही गुरुवार को शहर में इस की धज्जियां उड़ती हुई नजर आयी. लोग तो लॉकडाउन को लेकर बेपरवाह नजर आये ही बल्कि जिला प्रशासन भी लॉकडाउन को सफल बनाने में सिर्फ मूक दर्शक का ही रोल निभाया.
पहले दिन ही शहर के सड़कों पर चहल गर्मी कुछ इस कदर रही कि सड़क पर इस लॉकडाउन के समय भी जाम की समस्या लग गयी. शहर में जाम की समस्या की तस्वीर खुद बयां कर रही है कि आखिरकार लॉकडाउन किस तरीके से शहर में पालन किया जा रहा है. लोग लॉकडाउन को लेकर कितना गंभीर भी है. लॉकडाउन के दौरान जहां सड़क पर लोगों को ढूंढ़ने से भी नजर नहीं आना था. वहां लोगों का हुजूम सड़कों पर इस कदर रहा कि नौबत जाम लगने तक की आ गयी. ऐसे में जिला प्रशासन के ऊपर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं.
इमरजेंसी सेवा को छोड़कर सभी दुकान हो या इंस्टॉल सभी बंद करने का निर्देश जारी किया गया है. लेकिन यह निर्देश बाजार में कुछ ही जगह पर अमल होता नजर आ रहा है. बाकी सभी जगह सिर्फ निर्देशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है तो कहीं पर भी जिला प्रशासन का एक जरा खौफ़ तक नहीं है. ऐसे में कोरोना संक्रमण को हराने की यह रणनीति सिर्फ कागज के पन्नों पड़ ही नजर आ रही है. जबकि जमीनी हकीकत में लॉकडाउन जैसे हालात शहर में नहीं दिख रहे है.
ऐसे में कुछ लोगों के द्वारा इस घातक संक्रमण को हल्के में लेने से और इसे गंभीरता से नहीं लेते हुए सड़कों पर यूं ही निकल जाने के कारण अन्य लोगों की जान पर भी बन आयी है. जबकि शहर के हालात ऐसे हैं कि पूरे शहर में जगह-जगह संक्रमित मरीज की पुष्टि भी हो चुकी है. लॉकडाउन को लेकर दिखावे के लिए बाजार को बंद तो कर दिया गया है. लेकिन बाजार के आधे से अधिक दुकानदार अपनी दुकान चोरी छुपे चला रहे हैं. जिस पर जिला प्रशासन की कोई नजर नहीं है.