रांची : कोरोना के खिलाफ लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों के साथ किये जा रहे भेदभाव को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा राज्य के सभी हिस्सों में जागरुकता अभियान चलाया जायेगा. इस अभियान में कोरोना संक्रमित, संभावित संक्रमणवाले व्यक्ति, सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ भेदभाव व सामाजिक बहिष्कार न हो, इसके लिए लोगों को जागरूक किया जायेगा.
अभियान में झारखंड सरकार के अधिकारियों-कर्मचारियों के विशाल नेटवर्क के अलावा स्वास्थ्य कर्मचारियों, फील्ड वर्कर्स तथा प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, ऑनलाइन मीडिया तथा सोशल मीडिया के माध्यम से कोरोना वायरस के खिलाफ एकजुटता का संदेश पूरे राज्य में प्रचारित-प्रसारित किया जायेगा. इसके तहत सीरीज में गतिविधियां आयोजित की जायेंगी. स्थानीय स्तर के प्रभावी नेताओं से संपर्क किया जायेगा. समय-समय पर कार्यशाला का आयोजन भी होगा. इसके माध्यम से कोरोना को लेकर सामाजिक भेदभाव के खतरों के प्रति लोगों को जागरूक किया जायेगा.
निदेशक प्रमुख डॉ जेपी सांगा ने भी लोगों से सहयोग की अपील की है. अभियान में यूनिसेफ द्वारा भी तकनीकी सहयोग प्रदान किया जा रहा है.डिस्ट्रिक्ट कोविड डिग्निटी टास्क फोर्स का हो रहा गठनअभियान के तहत जमीनी स्तर की गतिविधियों के लिए जिला स्तर पर उपायुक्त की अध्यक्षता में डिस्ट्रिक्ट कोविड डिग्निटी टास्क फोर्स का गठन किया जा रहा है. जिसमें विभिन्न सरकारी विभागों, समुदाय के प्रभावशाली सदस्यों, एनएसएस व एनसीसी के स्वयंसेवकों को शामिल किया जायेगा.
यह समिति एनएचएम कर्मियों के साथ मिल कर लोगों को कोरोना जांच कराने के लिए प्रोत्साहित करेगी तथा भेदभाव से उनकी रक्षा करने हेतु एक सहायक वातावरण का निर्माण करेगी. अभियान के दौरान कोरोना महामारी की रोकथाम में उत्कृष्ट योगदान देनेवाले डॉक्टरों, नर्सों, टेक्निशियनों, हेल्थ सपोर्ट स्टाफ, सफाइकर्मियों तथा फील्ड स्टाफ को सम्मानित भी किया जायेगा.
कोटकोरोना वायरस लोगों के बीच भेदभाव नहीं करता है. कोई भी इस खतरे से बाहर नहीं है. कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में डॉक्टर, नर्स, टेक्निशियन, सहायक कर्मचारी, सफाइकर्मी तथा फील्ड स्तर के कर्मचारी के प्रति हमें आदर और सम्मान का भाव रखना चाहिए.डॉ शैलेश चौरसिया, अभियान निदेशक, एनएचएम\\B
Post by : Pritish sahay