Sawan 2020 : देवघर : बाबा बैद्यनाथ मंदिर के प्रांगण की सभी मंदिरों का खास पौराणिक महत्व है. इसी मंदिर परिसर में भगवान राम का भी मंदिर है. विष्णु के 6वें अवतार भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में पूजा करते हैं. इस मंदिर में भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न एवं हनुमान की पूजा होती है.
इस मंदिर का निर्माण पूर्व सरदार पंडा स्वर्गीय श्रीश्री रामदत्त ओझा ने 1782 से 1792 के बीच कराया था. यह मंदिर मुख्य मंदिर के पीछे पश्चिम की तरफ स्थित है. राम मंदिर की लंबाई लगभग 60 फीट और चौड़ाई लगभग 35 फीट है. राम मंदिर के शिखर पर पहले पीतल का कलश स्थापित है. इसके ऊपर पंचशूल भी लगा है. शिखर के गुंबद के नीचे पीले रंग से रंगा हुआ है. इस मंदिर की बनावट अन्य मंदिरों से अलग है.
इस मंदिर के बाहर चारों तरफ 3-3 हनुमान जी की आकृति बनी हुई है. इस मंदिर में प्रवेश करने के लिए मंदिर प्रांगण से सर्वप्रथम 2 सीढ़ियों को पार करना पड़ता है. सामने पीतल के दरवाजे को भक्त प्रणाम कर गर्भ गृह में पहुंचते हैं. जहां राम के साथ दो 2 मूर्तियों के दर्शन होते हैं.
Also Read: Sawan 2020 : बांग्ला सावन शुरू, सरदार पंडा ने की बाबा बैद्यनाथ की पूजा
बीच में भगवान राम उनके चरण के पास भरत और शत्रुघ्न हैं. भगवान राम की मूर्ति के बायें मां सीता की मूर्ति और दायें लक्ष्मण के साथ हनुमान की मूर्ति विराजमान है. जहां भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्ति खड़ी मुद्रा में है. सभी मूर्ति काले पत्थर की बनी हुई है.
इस मंदिर में ओझा परिवार मंदिर इस्टेट की ओर से पूजा करते हैं. यहां पर भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की वैदिक विधि से पूजा की जाती है. भक्त सालों भर भगवान की पूजा कर सकते हैं, लेकिन चैत्र शुक्ल पक्ष रामनवमी को पूजा का अलग महत्व है. इस दिन मंदिर इस्टेट की ओर से विशेष पूजा की जाती है.
इसके अलावा फलाहारी परिवार के द्वारा रामनवमी के दिन भगवान की विशेष पूजा व महाशृंगार किया जाता है. इस मंदिर में प्रवेश करते ही फलाहारी परिवार के वंशज भगवान राम मंदिर के प्रांगण में अपने यजमान को संकल्प पूजा कराने के लिए अपने गद्दी पर रहते हैं.
Posted By : Samir ranjan.