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India China Face Off: चीन को एक और झटका, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के लिए दो चाइनीज कंपनियों की बोली रद्द

नयी दिल्ली : पिछले दिनों गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद भारत ने चीन पर नकेल कसना जारी रखा है. आर्थिक प्रतिबंधों के तहत नरेंद्र मोदी सरकार ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के काम के लिए दो चीनी कंपनियों की बोली रद्द कर दी है. अब इन कंपनियों को यह ठेका नहीं मिलेगा. परिवहन मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि 800-800 करोड़ के दो प्रॉजेक्ट के लिए चाइनीज कंपनी (Jiangxi Construction Engineering Corporation) की सब्सिडियरी को मौका नहीं मिलेगा. दोनों चाइनीज कंपनियों को लेटर ऑफ अवॉर्ड देने से मना कर दिया गया है.

नयी दिल्ली : पिछले दिनों गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद भारत ने चीन पर नकेल कसना जारी रखा है. आर्थिक प्रतिबंधों के तहत नरेंद्र मोदी सरकार ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के काम के लिए दो चीनी कंपनियों की बोली रद्द कर दी है. अब इन कंपनियों को यह ठेका नहीं मिलेगा. परिवहन मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि 800-800 करोड़ के दो प्रॉजेक्ट के लिए चाइनीज कंपनी (Jiangxi Construction Engineering Corporation) की सब्सिडियरी को मौका नहीं मिलेगा. दोनों चाइनीज कंपनियों को लेटर ऑफ अवॉर्ड देने से मना कर दिया गया है.

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस मामले में अपना इरादा पहले ही स्पष्ट कर दिया था. पिछले दिनों गडकरी ने साफ-साफ कहा था कि किसी भी हाइवे प्रॉजेक्टस में चाइनीज कंपनियों की डायरेक्ट या इन-डायरेक्ट एंट्री नहीं होगी. वर्तमान में अगर किसी प्रॉजेक्ट में चाइनीज कंपनी का किसी तरह हाथ है तो उस टेंडर को कैंसल कर दोबारा टेंडर जारी किया जायेगा.

इससे पहले रेलवे ने चाइनीज कंपनी को दिया करोड़ों रुपये का ठेका रद्द कर दिया है. उत्तर प्रदेश में भी चाइनीज कंपनियों के ठेका रद्द किये गये हैं. भारत सरकार ने पिछले दिनों 59 चाइनीज एप को भारत में बैन कर दिया है. इकोनॉमिक टाइम्स की एक खबर के अनुसार राजमार्ग एवं सड़क परिवहन मंत्रालय ने करीब 800 करोड़ रुपये के इन ठेकों को रद्द कर दिया है.

Also Read: भारत में 59 चाइनीज ऐप बैन, चीन बोला- बेहद चिंतित हैं, स्थिति की कर रहे पुष्टि

दोनों कंपनियां बिड करने में सफल हुई थीं, इसके बावजूद उन्हें लेटर ऑफ अवॉर्ड नहीं दिया गया. यह ठेका अब दूसरी सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी को दिया जायेगा. दोनों कंपनियां चीन जिगांक्सी कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन की सब्सिडियरी हैं. भारत चीन को लगातार आर्थिक मोरचे पर घेर रहा है. दोनों देशों के बीच जारी तनाव के बीच चाइनीज सामानों का बहिष्कार जारी है.

पिछले महीने भारतीय रेलवे ने एक चीनी कंपनी को दिया गया 471 करोड़ रुपये का सिगनलिंग का ठेका कैंसिल कर दिया था. यह ठेका पहले बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च ऐंड डिजाइन इंस्टीट्यूट ऐंड टेलीकम्युनिकेशन नेटवर्क को दिया गया था. यह कंपनी कानपुर से दीनदयाल उपाध्याय नगर खंड के बीच 417 किमी लंबे खंड पर काम कर रही थी. काम की कम गति को लेकर यह ठेका रद्द किया गया था.

गौरतलब है कि पिछले महीने लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों और भारतीस सेना के जवानों के बीच हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गये थे. उसके बाद से देश भर में चीन के खिलाफ उबाल है. चीन पर आरोप है कि उसके सैनिक गलवान घाटी में भारत की सीमा में घुसकर कुछ निर्माण कार्य कर रहे थे. बाद में दोनों देशों ने बातचीत से मामले को कुछ शांत किया है.

Posted By: Amlesh Nandan Sinha.

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