मंगलवार को पूर्वी लद्दाख के चुशुल में भारत और चीन के बीच कॉर्प्स कमांडर स्तर की वार्ता शुरू हुई. ये वार्ता तकरीबन 14.5 घंटे तक चली. बता दें कि ये वार्ता दिन के 11 बजे से रात के 2 बजे तक चली. मिली जानकारी के अनुसार इस बात चीत में दोनों पक्षों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चरण बद्ध तरीके से सेना के पीछे हटने से लेकर दूसरे चरण पर बात चीत हुई. इस बातचीत पर फिंगर एरिया से तनाव कम करने और हथियारों को वापस खींचने को लेकर भी चर्चा हुई.
अधिकारियों ने जानकारी दी कि इस बात चीत में एलएसी पर दोनों सेनाओं के बीच सैन्य प्रतिष्ठानों से बड़ी संख्या में सैनिकों और हथियारों को हटाने के कदमों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया गया.
सूत्रों के मुताबिक भारत ने पांच मई से पहले जो पूर्वी लद्दाख में जो स्थिति थी वही स्थिति पुनः बहाल करने की मांग की.
उन्होंने बताया क्षेत्र में चीन के नए दावों को लेकर भी चिंताओं से अवगत कराया गया. और पैंगोंग त्सो समेत कई इलाकों से चीनी सैनिकों की तुरंत वापसी पर बात चीत की गयी है. हालांकि बैठक को लेकर अभी तक कोई अधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.
बता दें कि चीन और भारत के तनाव कम करने को लेकर कॉर्प्स कमांडर चौथी बातचीत थी. इससे पहले इस विवाद पर कम करने को लेकर छह जून, 22 जून और 30 जून को बातचीत की थी.
एलएसी पर तनाव कम करने को लेकर अभी दोनों पक्षों के बीच लगातार बातचीत जारी है. इससे लेकर चीन के विदेश मंत्री ने भी कहा है कि हम सीमा पर जल्द ही शांति चाहते हैं उन्होंने आगे कहा कि इस तनाव को कम करने के लिए अबही दोनों देशो के बीच लगातार बातचीत जारी है. और आगे भी जारी रहेगी. न्होंने आगे कहा कि अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिकों को हटाया गया है.
गौरतलब है कि 15 जून को गलवान घाटी में दोनों सेनाओं की बीच जबरदस्त झड़प हुई थी जिसमें भारत के 20 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे, हालांकि चीन के कुछ सैनिकों के मारे जाने की खबर सामने आई थी. लेकिन चीन ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया था कि उनके कितने सैनिक मारे गए हैं.
posted by : sameer oraon