Second Sawan Somvari 2020 : देवघर : बाबा नगरी में जहां हर साल यहां के लोगों को ही नहीं, बल्कि आसपास के राज्यों से आये व्यापार करने वाले लोगों को भी सावन के इस पवित्र महीने का इंतजार रहता है़ उसमें भी सोमवारी की रौनक खास देखने योग्य होती है, लेकिन कोरोना संकट के कारण इस बार सावन माह में धार्मिक गतिविधियों पर प्रतिबंध है. पूरे भारत में कोरोना महामारी के प्रकोप का नतीजा है कि सावन में गुलजार रहने वाले देवघर में इन दिनों श्रद्धालु नहीं दिख रहे है. हालांकि, राज्य सरकार की ओर से भक्तों को बाबा का दर्शन कराने की व्यवस्था ऑनलाइन की गयी है. जहां बीते साल सावन के दूसरी सोमवारी पर बाबा नगरी में आस्था का सैलाब देखने को मिला था़ वहीं, इस बार महज कुछ पुरोहितों ने बाबा भोले पर जलार्पण कर परंपरा का निर्वहण किया़
बीते साल यानी वर्ष 2019 में जहां बाबा भोले नाथ की पूजा करने के लिए दूसरी सोमवारी के लिए रविवार को ही कांवरियों की कतार देर रात कुमैठा स्टेडियम को पार कर गयी थी. वहीं, मंदिर में 7 बजे तक कुल 2,49,957 कांवरियों के जलार्पण करने का आंकड़ा दर्ज किया गया था. वहीं, इस बार यानी वर्ष 2020 की दूसरी सोमवारी को मंदिर का कपाट सुबह 4:30 बजे खुलने के बाद कांचा जल पूजा के उपरांत पुजारी अजय झा ने भोले नाथ की विधिवत पूजा की.
उसके बाद पुरोहित समाज के गिने चुने लोगों ने पूजा की. महामारी को देखते हुए सुबह करीब 6:30 बजे बाबा का पट बंद कर दिया गया. उसके बाद शाम को चली आ रही परंपरा के अनुसार भोले नाथ की सरकारी पूजा संपन्न की गयी. जिला प्रशासन की ओर से दोनों वक्त की पूजा को आम भक्तों के दर्शन के लिए लाइव टेलिकास्ट किया जा रहा है, जहां श्रद्धालु ऑनलाइन बाबा का दर्शन और पूजा कर रहे हैं.
शिवगंगा की भी बैरिकेटिंग की गयी है, लेकिन पिछले साल की तस्वीरों में देखने पर पता चलता है कि सोमवारी के दिन लोगों को पैर रखने की जगह घाट पर नहीं मिलती थी. चारों और घाट पर बच्चे, बड़े, महिला कांवरियों का झुंड सीढ़ियों पर मौजूद होता था और पुलिस बल और एनडीआरएफ की टीम नजर रखती थी कि डुबकी लगाने वाले श्रद्धालु सुरक्षित स्नान कर बाबा पर जर्लापण करें. शिवगंगा के घाट पर होने वाली आरती से वातावरण भी भक्तिमय हो जाता था. लेकिन, इस बार शिवगंगा में कोई स्नान न करें इसके लिये इसके चारों ओर भारी सुरक्षा के इंतजाम किये गये है. रात- दिन दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी सहित 20 लाठी पाटी, पुलिस बल के अलावा पीसीआर वैन और बाबा मंदिर थाना के कर्मियों की चौकस निगरानी रहती है.
इस पवित्र सावन महीने के लिए सरकार एवं जिला प्रशासन की ओर से लाखों ही नहीं करोड़ों रुपये खर्च कर लोगों को इस मेले में आकर भोले नाथ की पूजा- अर्चना करने की अपील की जाती रही है. वहीं, इस बार भक्तों को रोकने के लिए राज्य के सीमा से लेकर बाबा मंदिर के चारों ओर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं. बाबा मंदिर में प्रवेश करने वाले सभी पांचों मुख्य दरवाजे पर दंडाधिकारियों के अलावा पुलिस अधिकारी और भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी है जो दिन- रात ड्यूटी में तैनात रहते हैं.
सावन महीने में शिव की पूजा का विशेष महत्व माना गया है. इस महीने में भोले नाथ पर गंगाजल एवं बेलपत्र अर्पण करने से मनोवांछित फल की कामना फलीभूत हो होती है. बाबा मंदिर का कपाट बंद होने के कारण लोग आसपास के शिवालयों में जलार्पण करने के लिए पहुंचे. हालांकि, लोगों की भीड़ न हो और संक्रमण से बचाव को लेकर प्रशासन के आदेशानुसार वहां भी मंदिर का कपाट बंद होने की वजह से भक्तों को निराशा ही हाथ लगी. मंदिर से 7 किलोमीटर दूर हरलाजोड़ी मंदिर को भी जिला प्रशासन के आदेश पर बंद करा दिया गया है.
Posted By : Samir ranjan.