जयपुर : राजस्थान में मानसून की सक्रियता के बीच राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. कांग्रेस के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच तनातनी आमने-सामने आ गई है, जिसके बाद सीएम अशोक गहलोत ने पार्टी विधायक दल की बैठक बुलाई है. बैठक में विधायकों को आने के लिए देर रात सीएम अशोक गहलोत द्वारा व्हिप जारी किया है.
माना जा रहा है कि जो विधायक बैठक में नहीं पहुंचेंगे, उनकी सदस्यता खत्म की जा सकती है. इसी बीच समाचार एजेंसी एएनाई की रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे ने दावा किया है कि सरकार के पास अभी 109 विधायकों का समर्थन प्राप्त है. ये सभी विधायक आज पार्टी के बैठक में शामिल होंगे.
पार्टी नहीं छोड़ेंगे पायलट– देर रात बैठक के बाद सचिन पायलट ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा कि वे कांग्रेस नहीं छोड़ेंगे. वे पार्टी में ही रहेंगे और बीजेपी जॉइन नहीं करेंगे. इससे पहले कयास लगाया जा रहा था कि पायलट कांग्रेस छोड़ सकते हैं, जिसके बाद कांग्रेस ने अपने तीन नेताओं को राजस्थान भेजा था. माना जा रहा है कि राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष पायलट भाजपा के कुछ नेताओं के संपर्क में हैं लेकिन भाजपा सूत्रों ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार किया है कि उसकी पायलट से कोई बात हुई है या नहीं.
बीजेपी वेट एंड वाच की स्थिति में– समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान में कांग्रेस सरकार के ऊपर छाए संकट के बादलों पर भारतीय जनता पार्टी इंतजार करो और देखो की मुद्रा में है. पार्टी सूत्रों ने रविवार को कहा कि अगली कार्रवाई की योजना पर निर्णय लेने से पहले भाजपा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच शक्ति प्रदर्शन के परिणाम का इंतजार करेगी.
क्या है सीटों का गणित- राजस्थान में विधानसभा की 200 सीट है, जिसमें कांग्रेस के पास 107 विधायक हैं, इनमें 6 विधायक बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए हैं. वहीं बीजेपी के पास 72 विधायक है और तीन विधायक आरएलपी के हैं, यानी कुल 75 विधायक. अगर पायलट खेमा की मानी जाए तो 30 विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के पास 77 विधायक बचे रह सकते हैं, इसके अलावा, पार्टी को 14 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जिससे कुल आंकड़ा 90 के पार पहुंच सकती है
Posted By : Avinish Kumar Mishra