मधुबनी : आइजी जेल मिथिलेश मिश्र ने मधुबनी कारागार में एक दर्जन से अधिक जेल अधिकारी- कर्मचारी के कोविड- 19 से संक्रमित पाये जाने पर सेंट्रल और मंडल कारागारों में टेस्टिंग सेंटर स्थापित करने के आदेश दिये है़ं विशेष सतर्कता बरतने और कोरोना से बचाव को पूर्व में जारी एसओपी का कड़ाई से पालन न करने वालों पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी है़ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये जेल अधिकारियों से वहां की स्थिति आदि का जायजा लिया जा रहा है़ स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी गयी है़ मधुबनी में एक साथ जेल अधीक्षक सहित 14 कारागार कर्मचारी के कोविड- 19 से संक्रमित होने के कारणों का पता लगाया जा रहा है़ स्था
नीय चिकित्साधिकारियों की निगरानी में टेस्टिंग कार्य कराया जा रहा है़ संक्रमितों के संपर्क में आये लोगों की पूरी चेन का भी पता लगाया जा रहा है़ जेल आइजी मिथिलेश मिश्र ने बताया कि कोरोना से बचाव को विस्तृत दिशा निर्देश दिये जा चुके है़ कई बार रिमाइंड भी कराया गया है़ अब हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि महामारी से बचाव का जो प्रोटेाकाल है उसमें कहीं कोई चूक तो नहीं हो रही है़ साथ ही कैदियों के स्वास्थ्य पर पूरी नजर रखी जा रही है़ बहुत कम स्टॉफ है जो जेल परिसर से बाहर से ड्यूटी आता जाता है़ उसे स्क्रीनिंग के बाद ही एंट्री दी जा रही है़ कोशिश है कि सभी कर्मचारी भी परिसर से बाहर नहीं रहे़ं वर्तमान व्यवस्था थी कि सेंपल कलेक्ट सेंटर थे, जांच बाहर से हो रही थी़ इस व्यवस्था में बदलाव किया जा रहा है़ अब सभी केंद्रीय कारागार, मंडल और जिला कारागारों में जरूरत के अनुसार कोरोना की जांच की व्यवस्था होगी़ इसके लिए जांच सेंटर स्थापित किये जा रहे है़ं
हर जिले में बनाये गये हैं कोरेंटिन सेंटर : नये कैदियों को 14 दिन तक कोरेंटिन में रखा जा रहा है़ इसके लिये प्रत्येक जिला के लिये अलग से व्यवस्था की गयी है़ पटना और फुलवारीशरीफ जिला के नये कैदियों में महिला कैदी को पटना सिटी और पुरुष कैदियों को फुलवारी और दानापुर कारा में क्वारेंटिन किया जा रहा है़ इसके बाद जेल में तीन अलग- अलग कक्ष पहले से ही बनाये गये हैं. इनमें नये बंदियों को तीन दिनों तक रखा जा रहा है. पहले दिन और तीसरे दिन स्वास्थ्य परीक्षण के बाद सामान्य बंदी को वार्ड में भेजा जा रहा है.