श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लिए को एक साल पूरा होने से तीन सप्ताह पहले ही अलगाववादी नेता मोहम्मद अशरफ सेहराई पर जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत मामला दर्ज कर दिया गया है. मोहम्मद अशरफ सेहराई सैयद अली शाह गिलानी के उत्तराधिकारी के तौर पर देखे जा रहे थे, क्योंकि सैयद अली शाह गिलानी के बाद सेहराई का हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े का अध्यक्ष बनना तय था. अधिकारियों ने बताया कि सेहराई के अलावा मुस्लिम लीग के अध्यक्ष फारूक अहमद तौहीदी पर भी पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है.
पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि तहरीक-ए-हुर्रियत के अध्यक्ष सेहराई पर पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया. अधिकारियों ने कहा कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान समाप्त किए जाने और पूर्ववर्ती राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने की पहली वर्षगांठ से पहले जमात-ए-इस्लामी के लगभग दर्जनभर नेताओं को भी हिरासत में लिया गया. उन्होंने कहा कि सेहराई और तौहीदी को कश्मीर घाटी से बाहर निकाल कर जम्मू क्षेत्र में एक जेल में रखा जाएगा. पीएसए के तहत हिरासत में रखे गए व्यक्ति पर आरोप के आधार पर उसे बिना मुकदमे के एक से दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है.
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अधिकारियों ने कहा कि सेहराई को सदर पुलिस थाने ले जाने के बाद उसे पुलिस अस्पताल ले जाया गया. इस कार्रवाई से कुछ दिन पहले ही सैयद अली शाह गिलानी ने हुर्रियत कांफ्रेंस से पूरी तरह अपना नाता तोड़ने का ऐलान करते हुए कहा था वह अकेले राजनीति करते रहेंगे. गिलानी द्वारा अध्यक्ष का पद छोड़ने के बाद अगला अध्यक्ष चुनने के लिए अलगाववादी पार्टी के नेताओं की बैठक होने वाली थी. सेहराई जमात-ए-इस्लामी के पूर्व नेता हैं और हुर्रियत कांफ्रेंस के घटक तहरीक-ए-हुर्रियत के अध्यक्ष हैं.
सेहराई का बेटा जुनैद सेहराई आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन का डिविजनल कमांडर था जिसे इस साल मई में सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में मार गिराया था. अधिकारियों ने कहा कि जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को वापस लिए जाने की पहली वर्षगांठ के पहले जमात-ए-इस्लामी के कई अन्य नेताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है.
Posted By: Pawan Singh