नयी दिल्ली : दिल्ली सरकार ने कोरोना संकट को देखते हुए दिल्ली स्टेट विवि के सभी एग्जाम को रद्द कर दिया है. सराकर ने बताया कि राज्य के अंदर आने वाले सभी विवि में अब स्नातक और पारास्नातक की परीक्षा नहीं होगी. बता दें कि लॉकडाउन के कारण पहले ही 10वीं और 12वीं परीक्षा रद्द हो चुकी है.
दिल्ली के डिप्टी सीएम ने एक बयान में कहा कि दिल्ली सरकार ने कोविड-19 के चलते उसके तहत आने वाले विश्वविद्यालयों के सभी आगामी सेमेस्टर, अंतिम परीक्षाएं रद्द करने का फैसला किया है. यह फैसला कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए लिया गया है.
ऐसे होगा मूल्यांकन– परीक्षा रद्द करने के बाद डिप्टी सीएम मनीष सिसेदिया ने बताया कि विश्वविद्यालयों द्वारा तय किए गए मूल्यांकन मापदंडों के आधार पर डिग्री प्रदान की जाएगी. हालांकि विवि मूल्यांकन की पद्धति क्या होगी, इसके बारे में कुछ नहीं बताया गया है.
देश में सितंबर में होंगे एग्जाम– बता दें कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने संशोधित दिशानिर्देश बुधवार (UGC Revised Guidelines) जारी कर दिए हैं. विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं सितंबर के अंत तक आयोजित होंगी. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सोमवार को इस बारे में घोषणा की. कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर जुलाई के लिए निर्धारित कार्यक्रम को टाल दिया गया है.
सभी विश्वविद्यालयों के लिए अकादमिक कैलेंडर जारी करते हुए आयोग ने स्पेशल एग्जाम की अनुमति भी दी है. किसी भी कारण से अगर किसी छात्र की सितंबर में होने वाली परीक्षा छूट जाती है, इसके लिए अलग से प्रावधान करते हुए यूजीसी ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को विशेष परीक्षा लेने के निर्देश दिए हैं. यह परीक्षा 2019-2020 शैक्षणिक वर्ष में कभी भी ली जा सकती है.
वहीं कांग्रेस विवि एग्जाम रद्द को लेकर अभियान चला रही है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना महामारी के मद्देनजर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को परीक्षाएं रद्द कर विद्यार्थियों को उनके पिछले प्रदर्शन के आधार पर अगले शैक्षणिक सत्र के लिए प्रोन्नत कर देना चाहिए. उन्होंने कांग्रेस की ओर से सोशल मीडिया पर चलाये गये ‘स्पीक अप फॉर स्टूडेंट्स’ अभियान के तहत वीडियो जारी कर यह आरोप भी लगाया कि यूजीसी भ्रम की स्थिति पैदा कर रहा है.