केन्द्रीय खाद्यमंत्री रामविलास पासवान ने बृहस्पतिवार को कहा कि आत्म निर्भर पैकेज के तहत राज्य सरकारों को घर वापस लौटे प्रवासी मज़दूरों को मुफ्त राशन वितरित करने के लिए अगस्त तक का समय दिया गया है. मई और जून माह के दौरान घर लौटे प्रवासी मजदूरों के लिए आवंटित आठ लाख टन खाद्यान्न और 39,000 टन चना में से केवल 29 प्रतिशत भाग ही वितरित किया जा सका है.
इसको देखते हुए राज्यों को मुफ्त राशन वितरित करने के लिए और समय दिया गया है. शहरी इलाकों से प्रवासी मजदूरों के अपने घरों के पलायन पर आलोचना के बीच यह विशेष आवंटन केंद्र सरकार ने मई महीने में केवल दो महीने के लिए किया था. पासवान ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अबतक केवल 2,32,433 टन खाद्यान्न और 10,645 टन चना राज्यों द्वारा वितरित किया गया है.
शेष स्टॉक अभी भी राज्यों के पास है. हमने वितरण का समय अगस्त तक बढ़ा दिया है. ” पासवान ने कहा कि आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों के लक्ष्य के मुकाबले, मई में केवल 2.32 करोड़ प्रवासी श्रमिकों तक ही मुफ्त राशन पहुंचा है. उन्होंने कहा कि जून में यह राशन केवल 2.14 करोड़ श्रमिकों को मिला है. उन्होंने कहा कि बिहार में वापस घर लौटने वाले अधिकतम प्रवासियों को इस योजना का लाभ मिला है.
यह संख्या 86 लाख है. उसके बाद राजस्थान में यह फायदा 32 लाख प्रवासी मजदूरों को मिला है जबकि पश्चिम बंगाल में 20.80 लाख लोगों को इसका (मुफ्त राशन) वितरण किया गया है. पासवान ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और आत्म निर्भर भारत पैकेज के तहत मांग को पूरा करने के लिए खाद्यान्न की कोई कमी नहीं है.
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