लखनऊ : कानपुर एनकांउटर का मुख्य आरोपी कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे को गुरुवार की सुबह उज्जैन में गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपी विकास दुबे की उज्जैन में हुई गिरफ्तारी के बाद बिहार में भी राजनीति बयानबाजी शुरू हो गयी है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने विकास दूबे के मामले में प्रशासन को फेल बताते हुए CBI जांच की मांग की है, वहीं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा नेता अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा कि कानपुर के जघन्य हत्याकांड में यूपी सरकार को जिस मुस्तैदी से काम करना चाहिए था, वह पूरी तरह फेल साबित हुई. अलर्ट के बावजूद आरोपी का उज्जैन तक पहुंचना, न सिर्फ सुरक्षा के दावों की पोल खोलता है बल्कि मिलीभगत की ओर इशारा करता है. तीन महीने पुराने पत्र पर ‘नो एक्शन’ और कुख्यात अपराधियों की सूची में ‘विकास’ का नाम न होना बताता है कि इस मामले के तार दूर तक जुड़े हैं. यूपी सरकार को मामले की CBI जांच करा सभी तथ्यों और प्रोटेक्शन के ताल्लुकातों को जगज़ाहिर करना चाहिए.
कानपुर के जघन्य हत्याकांड में यूपी सरकार को जिस मुस्तैदी से काम करना चाहिए था, वह पूरी तरह फेल साबित हुई।
अलर्ट के बावजूद आरोपी का उज्जैन तक पहुंचना, न सिर्फ सुरक्षा के दावों की पोल खोलता है बल्कि मिलीभगत की ओर इशारा करता है…1/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 9, 2020
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि ख़बर आ रही है कि ‘कानपुर-काण्ड’ का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है. अगर ये सच है तो सरकार साफ़ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ़्तारी. साथ ही उसके मोबाइल की सीडीआर सार्वजनिक करे, जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके.
भाजपा की सरकार हो और बेशर्मी न हो ये कैसे संभव हो सकता है. अपराधी मप्र में घुसता है,फोटो सूट कराता है तब मप्र पुलिस कहां रहती है? अपराधी गार्ड से अपनी पहचान बताता है और तब पुलिस आती है. अपराधी की उप्र से मप्र की यात्रा से प्रतीत होता है कि भाजपा सरकारों में उसकी भारी पैठ है.
बता दें कि पांच लाख का इनामी विकास दुबे उज्जैन के महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए गया था. वहां के गार्ड ने उसे पहचाना. उसकी पहचान होते ही वहां की पुलिस एक्शन में आयी और उसे वहीं धर दबोचा.