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नाथनगर थाना भवन, बैरक व क्वार्टर होगा दूसरी जगह शिफ्ट

नाथनगर थाना भवन, बैरक व क्वार्टर होगा दूसरी जगह शिफ्ट

भागलपुर : जोगसर और बबरगंज थाना के ही तर्ज पर नाथनगर थाना का बैरक, थाना भवन और पदाधिकारी क्वार्टर जल्द ही दूसरे सरकारी भवनों में शिफ्ट कर दिया जायेगा. इसके लिए भागलपुर एसएसपी आशीष भारती ने नाथनगर थाना परिसर में मौजूद कार्यालय और आवासीय भवनों की जर्जर स्थिति देख डीएम से नाथनगर थाना कार्यालय, बैरक और आवासीय क्वार्टर को किसी अन्य सरकारी भवन में शिफ्ट करने के लिए भवन मुहैया कराने की मांग की है. इस बाबत एसएसपी आशीष भारती ने डीएम को पत्र लिखा है. इसमें थाना कार्यालय, बैरक और आवासीय क्वार्टरों के नये भवन का प्रस्ताव विभागीय पेच में फंसे होने की वजह से थाना में कार्यरत अफसर और कर्मियों की जान जोखिम में होने की बात कही है.

एसएसपी द्वारा डीएम को लिखे गये पत्र में यह स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि नाथनगर थाना भवन काफी जर्जर हो चुका है और कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. उक्त पत्र में रेंज डीआइजी और एसएसपी द्वारा अपने स्तर से किये गये औचक निरीक्षण में सामने आयी बातों को कहा गया है. उन्होंने कहा है कि 22 नवंबर 2018 को यानी डेढ़ वर्ष पूर्व तत्कालीन रेंज डीआइजी विकास वैभव द्वारा नाथनगर थाना के औचक निरीक्षण में नाथनगर थाना भवन को काफी जर्जर पाया था. थोड़ी सी भी वर्षा होने पर सारे भवन चूने लगते हैं और पूरा परिसर जलमग्न हो जाता है. साथ ही उन्होंने निर्देश दिया था कि उक्त भवन के निर्माण के लिए प्रस्ताव समर्पित किया जाये. जिसके बाद एसएसपी ने प्राथमिकता के आधार पर अपने स्तर से बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम, भागलपुर प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को थाना भवन, थाना परिसर, सिपाही बैरक, अफसर क्वार्टर के नये भवनों के निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार भेजा. अभी तक विभागीय पेंच में फंसने की वजह से प्रक्रियाधीन है.

एसएसपी ने माना कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा : हाल ही में डीएम को भेजे गये पत्र में एसएसपी ने स्पष्ट तौर पर यह भी कहा है कि भागलपुर सहित आसपास के क्षेत्र में हो रही भारी वर्षा के कारण नाथनगर थाना के उक्त जर्जर थाना भवन, बैरक और आवासीय परिसर की स्थिति और भी भयावह हो गयी है. उक्त थाना भवन, बैरक, और आवासीय परिसर में कभी भी कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती है. उन्होंने डीएम से उपयुक्त सरकारी भवन उपलब्ध कराने की मांग की है.

जर्जर भवनों से टपक रहा पानी : सरकारी जर्जर भवनों की बात की जाये तो उसमें सबसे बुरा हाल पुलिस विभाग का है. पुलिस विभाग के कुछ लोगों का तो यहां तक कहना है कि भागलपुर जिला में सभी प्रशासनिक भवनों के प्रस्ताव पास होने और टेंडर निकलने के बाद अगर राशि बच गयी तो तब जाकर उसे पुलिस विभाग के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

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