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5000 आंगनबाड़ी केंद्रों का भवन बनेगा, 100 करोड़ दिये

राज्य में 5000 आंगनबाड़ी केंद्रों का भवन बनेगा. इसके लिए महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग ने 100 करोड़ रुपये का हस्तांतरण मनरेगा कोष (ग्रामीण विकास विभाग) में कर दिया है. केंद्रांश और राज्यांश को मिला कर यह राशि दी गयी है.

रांची : राज्य में 5000 आंगनबाड़ी केंद्रों का भवन बनेगा. इसके लिए महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग ने 100 करोड़ रुपये का हस्तांतरण मनरेगा कोष (ग्रामीण विकास विभाग) में कर दिया है. केंद्रांश और राज्यांश को मिला कर यह राशि दी गयी है. आंगनबाड़ी भवनों का काम मनरेगा और महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग मिलकर करेंगे.

फिलहाल 2,099 आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण के लिए 100 करोड़ में से 41.98 करोड़ रुपये उपलब्ध करा दिये गये हैं. वहीं, 5000 के अतिरिक्त 619 नये आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण के लिए 12.38 करोड़ रुपये भी अलग से जिलों को उपलब्ध करा दिये जा रहे हैं. प्रति आंगनबाड़ी भवन दो लाख के हिसाब से यह राशि दी जा रही है.

इससे ग्रामीण विकास सचिव व मनरेगा आयुक्त ने सारे उपायुक्त और उप विकास आयुक्त को अवगत कराया है. उन्होंने लिखा है कि पूर्व में दिये गये दिशा-निर्देशों के मुताबिक स्वीकृत राशि का उपयोग किया जा सकेगा. ग्रामीण विकास विभाग ने जिलावार स्वीकृत राशि की स्थिति से सारे अफसरों को अवगत कराया है. साथ ही निर्देश दिया है कि सारे जिले उपयोगिता प्रमाणपत्र सीधे विभाग को उपलब्ध करायेंगे.

उप विकास आयुक्तों से कहा गया है कि वह सुनिश्चित करेंगे कि राशि की उपयोगिता प्रमाणपत्र समय से मिले. वहीं, राशि के नियमानुसार खर्च करने की पूरी जिम्मेवारी जिला कार्यक्रम समन्वयक और मुख्य प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी की होगी. अधिकारियों ने कहा कि इन योजनाओं के शुरू होने से बड़ी संख्या में रोजगार बढ़ेगा. जहां-जहां आंगनबाड़ी भवन बनेंगे, लोगों को काम मिलेगा.

  • 2,099 आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण के लिए 41.98 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गये हैं

  • 619 नये आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण के लिए 12.38 करोड़ अलग से जिलों को िदये जा रहे हैं

मनरेगा कर्मी के आश्रितों को मुआवजा व नौकरी दें

झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दो दिन पूर्व ब्रेन हेमरेज से मरे मनरेगा कर्मी विश्वनाथ भगत के आश्रितों को 50 लाख का मुआवजा एवं अनुकंपा पर नौकरी देने की मांग की है. संघ ने लिखा है कि मनरेगा कर्मी अत्यधिक कार्य बोझ और लक्ष्य पूरा करने के दबाव से लगातार मानसिक रूप से परेशान थे. इस बीच 27 जून को उनका ब्रेन हेमरेज हो गया था. वह लोहरदगा जिले के सेन्हा के रहने वाले थे.

अब उनके परिवार में बच्चों के लालन -पालन के लिए कोई नहीं है. ऐसे में उनका पूरा परिवार लाचार और भुखमरी के कगार पर हो गया. इसे लेकर मनरेगा कर्मियों में भी काफी रोष है. उनका कहना है कि जिलों में पदाधिकारी लक्ष्य पूरा करने को लेकर लगातार दबाव दे रहे हैं.इससे सभी कर्मी परेशान हैं. संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि उनकी मांगे पूरी नहीं हुई, तो राज्यव्यापी आंदोलन किया जायेगा. पत्र की प्रति विभाग के सचिव व मनरेगा आयुक्त को भी दी गयी है.

पहले से कम थे, ऊपर से बढ़ा काम का बोझ, मनरेगाकर्मी हुए परेशान

रांची. राज्य भर में मनरेगा के काम में लगे कर्मियों की लंबे समय से कमी है. स्वीकृत पद के विरुद्ध कम कर्मी कार्यरत हैं. वहीं, रिक्त पदों की संख्या अधिक है. इधर, कोविड-19 को लेकर मनरेगा के कार्यों में रोजगार देने का काम काफी बढ़ा हुआ है. ऐसे में मनरेगाकर्मियों पर कार्य का बोझ और दायित्व दोनों बढ़ गया है. कम मैन पावर में ही मनरेगाकर्मियों को सारे कार्य करने पड़ रहे हैं. काम के अत्यधिक बोझ से वे परेशान हैं. फिलहाल राज्य भर में अलग-अलग पदों को मिला कर 6345 मनरेगाकर्मियों के पद हैं. इनमें से 1499 पद खाली हैं.

मनरेगाकर्मियों के पदों की स्थिति

पदनाम स्वीकृत पद कार्यरत रिक्त पद

प्रखंड कार्यक्रम पदा. 351 262 89

सहायक अभियंता 262 147 115

कनीय अभियंता 828 544 284

कंप्यूटर सहायक 262 138 124

लेखा सहायक 262 177 85

ग्राम रोजगार सेवक 4380 3380 802

Post by : Pritish Sahay

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