पटना : राज्य में सड़क हादसों में चार फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है. सबसे अधिक जान नेशनल हाइवे पर जा रही है. स्टेट हाइवे और अन्य सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाएं चिंतित करने वाली हैं. बिहार पुलिस द्वारा हाल ही में तैयार किये गये सड़क हादसों के आंकड़ों के अनुसार 2018 के मुकाबले 2019 में 407 दुर्घटनाएं अधिक हुईं. अधिकांश हादसों का कारण ओवर स्पीड और यातायात के नियमों की अनदेखी रहा है.
पुलिस हर साल हादसों के आंकड़े तैयार करती है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 में एक साल में 10 हजार 07 हादसे हुए. 7205 लोगों की जान गयी. इसमें 3436 लोगों की मौत नेशनल हाइवे पर हुए हादसों में हुई 7206 लोग घायल हुए. यह आंकड़ा वर्ष 2018 के मुकाबल 4.23 फीसदी अधिक है. वर्ष 2018 में एक साल में 9600 हादसे हुए. 6729 लोगों की जान गयी. 6679 लोग घायल हुए. मरने वालों 62 फीसदी लोग 18 से 35 साल की आयु वाले थे. जनवरी, मई, अप्रैल, मार्च और दिसंबर में अन्य माह के मुकाबले अधिक हादसे हुए. जनवरी में कोहरा तो मई में ज्यादा गर्मी से होने वाली थकान हादसों का बड़ा कारण बनी.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बिहार में 20 स्थानों को सर्वाधिक दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र (ब्लैक स्पॉट)माना है. इसमें सबसे अधिक स्थान एनएच 28 पर है. इसमें भी अकेल नौ ब्लैक स्पॉट गोपालगंज जिला में आते हैं. इसके बाद मोतिहारी में पीपराकोठी, समस्तीपुर में तेजपुर, मुसरीघरारी और दलिसंह सराय मैन क्राॅसिंग पर भी सबसे अधिक हादसे होते हैं. खगड़िया में एनएच 107 पर दो जगह हैं.
2019 में स्टेट हाइवे पर हादसा
हादसा 1945
मौत 1449
घायल 1628